BJP Punjab President: पंजाब में बीजेपी लंबे वक्त से प्रदेश अध्यक्ष को लेकर असमंजस में है लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि इस मामले में पार्टी की मुश्किलें जल्द खत्म हो सकती हैं क्योंकि पंजाब के 37 में से 21 जिलों में अध्यक्षों का चुनाव हो चुका है। बीजेपी के संविधान के मुताबिक, प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए कम से कम 50% जिला अध्यक्षों का चुनाव होना जरूरी है। बीजेपी की पंजाब इकाई ने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष को पत्र लिखा है।
अगर कोई बहुत ज्यादा उथल-पुथल नहीं हुई तो माना जा रहा है कि पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष अश्विनी शर्मा नए प्रदेश अध्यक्ष बनेंगे। मौजूदा अध्यक्ष सुनील जाखड़ लंबे वक्त से नाराज चल रहे हैं और उन्होंने पार्टी नेतृत्व को बता दिया है कि वह अब अध्यक्ष के पद पर काम करना नहीं चाहते।
अश्विनी शर्मा पठानकोट से विधायक हैं और वह तीन बार पंजाब में विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। उन्हें जब कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था तभी से यह चर्चा थी कि वह सुनील जाखड़ की जगह लेंगे।
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सुनील जाखड़ जाएंगे राज्यसभा?
एक सवाल यह भी है कि बीजेपी सुनील जाखड़ का सियासी इस्तेमाल कैसे करेगी। जाखड़ कांग्रेस में रहते हुए भी पंजाब में बड़े चेहरे रहे हैं। वह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इस तरह की चर्चा है कि जाखड़ को राष्ट्रीय स्तर पर कोई बड़ी भूमिका दी जा सकती है या उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है। बीजेपी सुनील जाखड़ का इस्तेमाल राजस्थान में कर सकती है। सुनील जाखड़ के पिता बलराम जाखड़ का राजस्थान में काफी प्रभाव था। वह पंजाब के फिरोजपुर के अलावा राजस्थान के सीकर से भी लोकसभा के सदस्य चुने गए थे।
विधानसभा चुनाव में बचा है डेढ़ साल
पंजाब में 2027 की शुरुआत में विधानसभा के चुनाव होने हैं और बीजेपी की कोशिश इस राज्य में मजबूती से और अकेले चुनाव लड़ने की है। पंजाब में अकाली दल और बीजेपी लंबे वक्त तक साथ रहे लेकिन कृषि कानूनों के विरोध के चलते अकाली दल ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था। सुनील जाखड़ पिछले कुछ महीनों में कई बार अकाली दल के साथ फिर से गठबंधन करने की वकालत कर चुके हैं। पंजाब में सवाल उठ रहा है कि क्या अकाली दल और भाजपा फिर से एक मंच पर आएंगे?
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बहरहाल, देखना होगा कि अगर अश्विनी शर्मा ही पार्टी के अध्यक्ष बनते हैं तो क्या वह पंजाब में बीजेपी को मजबूती दे पाएंगे? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने सिख समुदाय के साथ नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री मोदी कई बार गुरुद्वारों में जा चुके हैं। देखना होगा कि क्या इससे पंजाब में बीजेपी को फायदा होगा?
अहम बात यह है कि बीजेपी ने 21 जिला अध्यक्षों में से 11 अध्यक्ष सिख समुदाय से बनाए हैं और इसमें से सात जट सिख समुदाय से हैं।