उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने सूबे में अपनी सरकार बनाई। वहीं बीते गुरुवार (23 मार्च) को पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी के सासंदों को चाय-नाश्ते पर बुलाया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक चाय पार्टी, सासंदों के अच्छे प्रदर्शन की हौसला अफजाई करने के लिए आयोजित कराई गई थी जिसमें पीएम ने उन्हें अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में विकास कार्य जारी रखने और अफसरों के तबादले-पोस्टिंग से दूर रहने की सलाह भी दी। मगर नोएडा में एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे पता लगता है कि पीएम की इस सलाह का असर भारतीय जनता पार्टी के सभी नेताओं पर हुआ हो, यह जरूरी नहीं।

यूपी के ग्रटर नोएडा अथॉरिटी में हाल ही में कई विभागों में फेरबदल किया गया था। अथॉरिटी एसीईओ विमल कुमार शर्मा ने 17 मार्च 2017 को कई मैनेजरों का ट्रांसफर एक से दूसरे विभाग में किया था। नवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक, विभागों में फेरबदल होने की जानकारी जब एक बीजेपी नेता को मिली तो गुस्साए नेता सीधे ग्रटर नोएडा अथॉरिटी पहचुं गए और अधिकारियों पर भड़कने लगे। बीजेपी नेता ने बड़े अफसर पर रौब झाड़ते हुए कहा कि अथॉरिटी में अब ऐसा नहीं चलेगा। नेता ने अफसर को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अथॉरिटी में रहना है तो हमारे आदमी को भी सेट करना होगा। वहीं इस घटना के बाद अथॉरिटी में हुए फेरबदल के आदेश को रद्द कर दिया गया है। खबरों के मुताबिक यह जानकारी भी सामने आ रही है कि जिन नए मैनेजरों की पोस्टिंग की गई थी उनकी लगी हुई नेम प्लेट्स भी उखड़वा दी गई हैं।

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बता दें कि भारतीय जनता पार्टी को राज्य की 403 विधानसभा सीटों में 312 पर जीत मिली जिसके बाद पार्टी ने सूब में अपनी सरकार बनाई। ऐसे में बीजेपी नेता अपना रौब जनाए बिना रह नहीं सके और वह पीएम मोदी की सलाह को भी नजरअंदाज कर गए। विभाग में लगभग आठ मैनेजरों को सीनियर मैनेजर का काम देकर अलग-अलग विभागों का प्रभारी बनाया गया था।