प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में खास लेकर आम मेहमान भी आमंत्रित थे। इसमें पश्चिम बंगाल में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवार के सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया था। इस बीच भाजपा की तरफ से इस चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में मारे गए पार्टी विधायक भीमा मंडावी का परिवार शपथ ग्रहण में शामिल होने का इंतजार करता रहा गया।
नक्सली हमले में जान गंवाने वाले विधायक की पत्नी ओजस्वी मंडावी ने इस संबंध में अपना दर्द बयां किया। विधायक की पत्नी ने कहा कि उन्हें शपथग्रहण में शामिल होने के लिए कोई संदेश नहीं आया। उन्होंने कहा कि उनके पति ने पार्टी के लिए शहादत दी और पूरे समपर्ण से काम किया था। ऐसे में शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रण नहीं मिलने से वह थोड़ी दुखी जरूर हैं।
पार्टी की तरफ से उनकी उपेक्षा किए जाने संबंधी सवाल पर विधायक की पत्नी ने कहा कि उन्हें लगता है कि पार्टी की तरफ से ऐसा किया जा रहा है। मालूम हो कि छत्तीसगढ़ में 11 अप्रैल को मतदान से दो दिन पहले दंतेवाड़ा में एक नक्सली हमले में भाजपा विधायक के काफिले पर नक्सलियों ने हमला किया था। इस हमले में भाजपा विधायक भीमा मंडावी की मौत हो गई थी। हमले उस समय हुआ था जब वे एक चुनावी रैली को संबोधित करने के बाद लौट रहे थे।
बंगाल में कार्यकर्ताओं की मौत परिजनों को @narendramodi @AmitShah @BJP4India दिल्ली बुलाया,भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी इंतज़ार करती रहीं! @drramansingh @ndtvindia @INCChhattisgarh @bhupeshbaghel @INCIndia @MamataOfficial @MehboobaMufti @MisaBharti @avinashonly #Modiswearingin pic.twitter.com/YQL7ouqSUy
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) May 30, 2019
दंतेवाड़ा जिले के निवासी भीमा मंडावी सबसे पहले 2008 में विधायक निर्वाचित हुए थे। इसके बाद साल 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।। हालाकि उन्होंने 2018 में हुए चुनाव में फिर जीत हासिल की थी। वह बस्तर संभाग से जीत हासिल करने वाले पार्टी के एकमात्र नेता थे। इस कामयाबी के बाद ही उन्हें विधानसभा में उपनेता बनाया गया था। वे काफी लंबे समय तक विश्व हिंदू परिषद् के साथ भी जुड़े हुए थे।
परिवार ने किया था मतदानः इससे पहले विधायक की मौत के बावजूद 11 अप्रैल को हुए मतदान में उनके पत्नी समेत परिवार वालों ने वोट डाला था। वोट डालने वालों में पत्नी के अलावा विधायक के पिता लिंग मंडावी शामिल थे। वोटिंग के एक दिन पहले ही भीमा ने कहा था कि वे नक्सलियों से अपने बेटे की मौत का बदला जरूर लेंगे। इससे पहले नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में चुनाव कराए जाने का विरोध किया था।

