पश्चिम बंगाल में एक सीट के लिए होने वाले राज्यसभा उपचुनाव के लिए भाजपा ने उम्मीदवार नहीं उतारने की घोषणा की है। बीजेपी के उम्मीदवार नहीं उतारने की घोषणा के बाद तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार का निर्विरोध जीतना तय हो गया है। पश्चिम बंगाल विधानसभा नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा इस साल की शुरुआत में टीएमसी के पूर्व नेता दिनेश त्रिवेदी द्वारा खाली की गई राज्यसभा सीट के लिए किसी उम्मीदवार को नामित नहीं करेगी।
बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट कर कहा “आज पश्चिम बंगाल में राज्यसभा उपचुनाव के नामांकन की अंतिम तिथि है। भाजपा इस सीट के लिए कोई उम्मीदवार नहीं उतार रही है। चुनाव का परिणाम सभी को पता है… इस विवेकरहित सरकार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। ” टीएमसी ने इस सीट के लिए प्रसार भारती के पूर्व सीओ जवाहर सरकार को उम्मीदवार बनाई है। बुधवार को सरकार ने इसके लिए नामांकन दाखिल किया था। इस मौके पर पश्चिम बंगाल के संसदीय मंत्री और टीएमसी महासचिव पार्थ चटर्जी भी मौजूद थे।
जवाहर सरकार की उम्मीदारी की घोषणा करते हुए टीएमसी ने कहा- “सरकार ने 42 साल तक सार्वजविक क्षेत्र में काम किया है। उनका योगदान हमें अपने देश की और भी बेहतर सेवा करने में मदद करेगा।” चुनाव आयोग ने इस साल की शुरुआत में टीएमसी के पूर्व नेता दिनेश त्रिवेदी द्वारा खाली की गई पश्चिम बंगाल की राज्यसभा सीट के लिए उपचुनाव 9 अगस्त को कराने की घोषणा की थी।
त्रिवेदी ने फरवरी में राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था और पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। 294 सदस्यीय विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के 213 विधायक हैं और भाजपा के 77 विधायक हैं। टीएमसी की सहयोगी जीजेएम के पास एक सीट है। सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा और कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव में खाता खोलने में विफल रहे, और उनके गठबंधन सहयोगी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) ने केवल एक सीट जीती।
इससे पहले, छह सांसदों वाले तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल के एक प्रतिनिधिमंडल ने 15 जुलाई को नई दिल्ली में चुनाव आयोग से मुलाकात की थी, जिसमें मांग की गई थी कि पश्चिम बंगाल की विधानसभा की सात खाली सीटों पर जल्द से जल्द उपचुनाव कराया जाए। टीएमसी को उपचुनाव की ज्यादा चिंता इसलिए है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव हार गई थीं, को अगले छह महीनों में सीएम के रूप में बने रहने के लिए निर्वाचित होना होगा, जिसेक लिए चुनाव होना बहुत जरूरी है।