भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी कई मौकों पर केंद्र सरकार पर निशाना साधने से नहीं चूकते। यहां तक कि चीन से लेकर पाकिस्तान जैसे विदेश के मुद्दे हों या कोरोना से लेकर अर्थव्यवस्था जैसे अंदरुनी मुद्दे, स्वामी हर मामले में मोदी सरकार को घेरने में जुटे रहते हैं। हालांकि, इस बीच उन्होंने अब पार्टी की राज्य इकाइयों को नसीहतें देना भी शुरू कर दिया है। अपने सबसे ताजा ट्वीट में उन्होंने तमिलनाडु भाजपा के काम करने के तरीके पर सवाल उठा दिए।
क्या बोले सुब्रमण्यम स्वामी?: भाजपा सांसद ने गुरुवार को ट्वीट में तमिलनाडु भाजपा पर हिंदू समुदाय को साथ न लेकर चलने के लिए निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि तमिलनाडु भाजपा जो कि एक राजनीतिक दल से ज्यादा एक मेहमानदारी का केंद्र बनी है, उसके खिलाफ एक ब्राह्मण अखबार ने लिखने का साहस जुटाया।” स्वामी ने आगे कहा, “अगर तमिलनाडु भाजपा हिंदुत्व आधारित पार्टी की तरह काम करे और और राज्य में सभी हिंदू समुदायों को एक कर के साथ ले चले, तो वह आगे बढ़ सकती है।”
ब्राह्मणों के मुद्दे पर मुखर रहे हैं सुब्रमण्यम स्वामी: गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब भाजपा सांसद ने अपने ट्वीट में ब्राह्मण समुदाय का जिक्र किया है। पिछले महीने ही तमिलनाडु के एक स्कूल में जब टीचर की अभद्रता का मुद्दा उठा था। तब स्वामी ने ट्वीट कर डीएमके सरकार को चेतावनी दी थी और कहा था कि स्कूल प्रबंधन जिसे ज्ञानी और त्यागी (ब्राह्मण) चलाते हैं, उसे परेशान न किया जाए। उन्होंने कहा था कि अगर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री गुंडों को नहीं रोकते, तो मुझे स्कूल के बचाव में उतरना होगा।”
इससे पहले वे अपने गृह राज्य तमिलनाडु की स्थिति पर भी कई बार बोल चुके हैं। उन्होंने अपने एक और हालिया ट्वीट में कहा था कि तमिलनाडु में आज 2019 से पहले के कश्मीर की तरह राष्ट्र विरोधी बढ़ रहे हैं। इसपर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को रॉ/आईबी डोजियर दिया जाना चाहिए। राज्य में राष्ट्रपति शासन के बजाय केंद्र को मदुरै के तीन निकटवर्ती जिलों में सीआरपीएफ और बीएसएफ के केंद्रीय बलों को तैनात करना चाहिए।