बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार के बीच शुक्रवार को एक दिलचस्प वाकया तब देखने को मिला जब बीजेपी के सांसद रवि किशन और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक-दूसरे के सामने आ गए। दोनों नेताओं की मुलाकात पटना एयरपोर्ट पर हुई है। दोनों को साथ देखकर पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया।

इस दौरान सांसद रवि किशन ने कहा, ‘तेज प्रताप यादव दिलवाले इंसान हैं… भोलेनाथ के भक्त हैं।’ जब उनसे यह पूछा गया कि क्या तेज प्रताप यादव की पार्टी जन शक्ति जनता दल (जेजेडी) एनडीए का रुख कर सकती है तो रवि किशन ने कहा, “ऐसे सभी लोग जिनका लक्ष्य सेवा है और निस्वार्थ सेवा है, बिना किसी पर्सनल एजेंडा के… उसके लिए बीजेपी सदैव अपना पूरा सीना खोलकर रखती है और यह बात किसी से छिपी नहीं है और इनकी (तेज प्रताप यादव की) छवि निस्वार्थ सेवक की आ रही है।”

पत्रकारों के सवालों पर तेज प्रताप यादव ने कहा कि वह रवि किशन से पहली बार मिले हैं। तेज प्रताप यादव ने कहा कि जो बिहार में रोजगार देगा वह उसके साथ जाएंगे।

बिहार में क्यों हुई रिकॉर्ड वोटिंग? प्रशांत किशोर ने बता दी दो बड़ी वजह

बहरहाल, तेज प्रताप यादव एनडीए के साथ जाएंगे या नहीं, ये तो बाद में पता चलेगा लेकिन रवि किशन के साथ उनकी मुलाकात को लेकर बिहार की राजनीति में तमाम तरह की चर्चा जरूर शुरू हो गई है।

43 सीटों पर उतारे उम्मीदवार

कुछ महीने पहले जब पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप यादव को परिवार और पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था तो तेज प्रताप यादव ने भी अपनी राहें अलग कर ली थी। उन्होंने अपनी पार्टी जेजेडी का गठन किया और बिहार में कुल 43 सीटों पर उनकी पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। तेज प्रताप यादव खुद भी महुआ सीट से चुनाव मैदान में हैं।

NDA के मुस्लिम उम्मीदवारों से तीखे सवाल पूछ रहे लोग