कर्नाटक के चित्रदुर्गा से बीजेपी सांसद ए नारायणस्वामी को दलित समुदाय से होने की वजह से अपने ही संसदीय क्षेत्र में असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। सोमवार को उनको एक गांव के लोगों ने अपने यहां नहीं प्रवेश करने दिया और गांव के बाहर से ही वापस कर दिया। नारायणस्वामी वहां कुछ डॉक्टरों और एक फार्मा कंपनी के अधिकारियों के साथ दौरा करने गए थे। घटना तुमकुर जिले के पावगाड़ा तालुक में सोमवार को हुई।
पिछड़े समुदाय के गांव में दलितों का प्रवेश मना: नारायणस्वामी जब गोलारहट्टी गांव में जाने लगे तो गोला समुदाय के लोगों ने उन्हें बाहर ही रोक लिया और वापस जाने को कहा। उनका कहना था कि यहां दलित और निम्न समुदाय के लोगों को आने की अनुमति नहीं है। गोलारहट्टी गांव में अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग रहते हैं और अपने गांव में दलितों को प्रवेश नहीं करने देते हैं।
सांसद ने कोई विरोध नहीं किया : गोला समुदाय के लोगों ने सांसद से कहा कि अभी तक कोई भी दलित इस गांव में नहीं आ सका है और आगे भी नहीं आने पाएगा। समुदाय के लोगों से थोड़ी बातचीत के बाद सांसद नारायणस्वामी अपनी कार में बैठकर वापस चले गए। हालांकि उन्होंने गांव वालों की भावना का कोई विरोध नहीं किया।
एसपी ने इंस्पेक्टर से रिपोर्ट मांगी : जिले के एसपी ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि सांसद को किसने रोका। हम उन लोगों को खोज रहे हैं। स्थानीय थाने के इंस्पेक्टर से रिपोर्ट मांगी गई है। मुझे सिर्फ इतना पता है कि उनके दूसरी जाति के होने की वजह से उन्हें गांव में नहीं जाने दिया गया।
उपमुख्यमंत्री ने की निंदा: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री सीएन अस्वथ नारायण ने घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि यदि सांसद को गोलारहट्टी में प्रवेश करने से रोका गया तो मैं इसकी निंदा करता हूं। इस पर कार्रवाई होगी। कहा हम सब एक हैं, कोई भेदभाव नहीं होनी चाहिए। हम लोग के शरीर में एक ही खून बह रहा है।