लोकसभा में भाजपा के एक सदस्य ने नशे के जाल में फंसती युवा पीढ़ी और उनसे पैदा गंभीर चुनौतियों को उठाते हुए मांग की कि इस बारे में एनडीपीएस अधिनियम में संशोधन किया जाए। नशे की सामग्री मुहैया कराने वाले को फांसी की सजा का प्रावधान किया जाए।
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान भाजपा के निशिकांत दुबे ने कहा कि देश में ड्रग्स और नशा सबसे बड़ी समस्या बन गई है। नशे के जाल में बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी फंसे हुए हैं। स्कूली बच्चे नशा कर रहे हैं। भाजपा सदस्य ने मांग की कि इस संबंध में एनडीपीएस कानून 1998 है लेकिन यह काफी कमजोर है। इस कानून में संशोधन किया जाए और नशे की सामग्री परोसने वालों और नशा करने वालों को फांसी की सजा का प्रावधान किया जाए।
उन्होंने कहा कि एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि 35 साल तक के युवा कोकिन, चरस, शराब का सेवन कर रहे हैं। राजनीति के तहत शराबबंदी की बात कही जा रही है। लेकिन शराबबंदी के बाद लोग भांग, गांजा, कफ सिरप आदि का सेवन कर रहे हैं। दुबे ने कहा कि सड़कों और गलियों में रहने वालों को रात के समय नशा करते देखा जा सकता है। अमेरिका जैसे देश से भी हमारी स्थिति खराब हो गई है। हर रोज हजारों युवा नशे के जाल में फंस रहे हैं।