आसनसोल से भाजपा के सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने ताबड़तोड़ ट्वीट कर पश्चिम बंगाल के हिंसाग्रस्त इलाकों की कहानी बयां की है। उन्होंने फिर से एक वीडियो भी पोस्ट किया है, जिसमें हिंसा प्रभावित क्षेत्र के लोग स्थानीय सांसद से उनके क्षेत्र का दौरा कर हालात का जायजा लेने का अनुरोध कर रहे हैं। भाजपा नेता ने वीडियो के साथ ट्वीट किया, ‘इस वीडियो को देखिए…रोती-बिलखती महिलाएं मुझसे चांदमारी का दौरा करने की गुहार लगा रही हैं, जहां उनके घरों को जला दिया गया, लूट लिया गया और उनके बच्चों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कर दिए गए। उनके द्वारा निर्वाचित सांसद होने के बावजूद क्या मैं इससे पीछे हट जाऊं? क्या अपने लोगों के प्रति मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है? उनकी न तो कोई पार्टी है न धर्म…वे लोग सिर्फ पीड़ित हैं।’ उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार उन्हें नहीं रोक सकती है।
मीडिया पर बरसे: भाजपा सांसद ने एक और ट्वीट कर स्थानीय मीडिया में छपी खबर को भी झूठ करार दिया है। भाजपा नेता ने दूसरे ट्वीट में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी नारायण मीणा पर भी हमला बोला है। उन्होंने लिखा, ‘बड़े शर्म की बात है कि मीणा आईपीएस हैं। उन्होंने मेरी शिकायत तक नहीं देखी। मैंने घटनास्थल पर से ही शिकायत दी थी। मैंने मेरे साथ मौजूद पुलिस अधिकारियों के नाम का भी उल्लेख किया था जो घटना के गवाह भी थे। मेरे पास सभी वीडियो हैं। मैं सच्चाई को साबित करने के लिए इन सबको कोर्ट में ले जाऊंगा।’
2/3:C this video•Women crying& pleading me 2 visit Chandmari where their homes hv been burnt down, looted, false cases registered against their children•I wil drive away being their elected MP?I don’t hv a duty towards my people-they don’t hv a Party or Religion, they r Victims pic.twitter.com/cuIXoRSu9N
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) March 30, 2018
1/2:Absolute Falsehood by ABP•They can stop the Governor, the elected MP who also is the representative of the Central Govt, to visit VICTIMS?Normal people&women who r pleading for help complaining complete Police inaction&partiality? Check these videos https://t.co/uZpuXKHNYJ
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) March 30, 2018
पहले भी पोस्ट कर चुके हैं वीडियो: बाबुल सुप्रियो ने 26 मार्च को एक वीडियो पोस्ट कर आरोप लगाया था कि रानीगंज में अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोग वाहनों से आए थे और दुकानों में आग लगा दी थी। हिंदुओं को उनके घरों से निकालकर उनके साथ मारपीट की थी। बता दें कि रामनवमी के दौरान टकराव के बाद पूरे इलाके में दो गुटों के बीच व्यापक पैमाने पर हिंसा शुरू हो गई थी। स्थिति पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाने के साथ ही प्रभावित इलाकों में धारा 144 लगा दिया गया था। भाजपा सांसद पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के साथ आसनसोल-रानीगंज इलाके में जाकर हालात का जायजा लेना चाह रहे थे। इस क्रम में उन्होंने निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी। बाबुल सुप्रियो का आरोप है कि उनके खिलाफ जानबूझकर केस दर्ज किया गया।
(1/1) The situation in Ranigunj in my constituency Asansol where dozens of Goons from the Minority community came in matadors & cars, vandalised and burnt down shops, pulled Hindus out from their houses and assaulted/injured them brutally with choppers & swords. pic.twitter.com/XY92bh3K9S
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) March 26, 2018
रामनवमी जुलूस के बाद भड़की थी हिंसा: आसनसोल-रानीगंज में सोमवार (26 मार्च) को रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा भड़क गई थी। देखते ही देखते यह पूरे क्षेत्र में फैल गया था। इस बीच, भाजपा और पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच भी टकराव हो गया था। विपक्षी दलों और स्थानीय लोगों ने पुलिस पर निष्क्रियता का भी आरोप लगाया है। स्थिति इस हद तक बिगड़ गई कि लोगों को हिंसाग्रस्त इलाके से पलायन तक करना पड़ा था। आसनसोल-दुर्गापुर-रानीगंज में रामनवमी जुलूस के बाद भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है।