उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के लोनी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए मुस्लिम समाज कुर्बानी ना दे। अगर कुर्बानी देनी ही है तो अपने बच्चों की दें। विधायक ने कुर्बानी करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है।
नंदकिशोर ने कहा कि सनातन धर्म में पहले बलि दी जाती थी मगर अब नारियल फोड़कर उसकी जगह बलि की पूर्ति की जाती है। पशुओं को नहीं काटा जाता। उन्होंने कहा कि आपको (मुस्लिम समाज) पता होना चाहिए कि देश में कोरोना वायरस महामारी बढ़ती ही जा रही है। कोरोना के ऐसे भी कई मामले सामने आए हैं जिनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखे। इसके साथ ही सरकार कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों से धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों को स्थगित करने की अपील कर रही है।
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विधायक ने कहा कि अगर कोई कहता है कि मुझे कुर्बानी करनी है तो अपने बच्चे की बलि दें। जीवों को मारकर बलि देने वालों और उनको खाने वालों को अगले जन्म में बकरा बनना पड़ेगा। फिर उन्हें भी लोग खाएंगे। प्रकृति का नियम है, जो जैसा करता है, उसे वैसा भरना पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि बकरीद और अन्य त्योहारों को सभी से घर पर मनाने की अपील की गई है। ऐसे बहुत से लोग भी हैं जो सामूहिक प्रार्थना और कुर्बानी पर अड़े पड़े हैं। हाल के दिनों में सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा था कि कोई उनके नमाज पढ़ने पर पाबंदी नहीं लगा सकता।
उन्होंने कहा कि ये मुसलमानों का बड़ा त्यौहार है। इस दिन मुसलमान बाजारों में जाकर जानवर खरीद कर लाते रहे हैं। अब जानवरों के बाजार ही नहीं लग रहे है। ऐसे में त्यौहार कैसे हो सकता है। पाबंदी लगाना ठीक नहीं है।