तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 11 महीनों से भी ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं। सरकार की अनदेखी के चलते अब किसानों का गुस्सा बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। किसान अब उन जगहों पर पहुंच रहे हैं जहां बीजेपी नेताओं का जमावड़ा लगने वाला हो और अपनी बात पूरी मजबूती से रख रहे हैं लेकिन कई बार हालात तनावपूर्ण हो जाते हैं। राजस्थान के श्रीगंगापुर में ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला। यहां के पदमपुर में जिला कार्यकर्ताओं की बैठक होनी थी, जहां बीजेपी विधायक भी पहुंचने वाले थे। इस जानकारी के साथ किसान नेता हाथों में काले झंडे लिए पहुंच गए।
बीजेपी नेताओं को किसानों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा, लहराते हुए काले झंडों के बीच सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। हालात तनावपूर्ण हो गए तो पुलिसबल को बुलाना पड़ा।
जानकारी के मुताबिक बैठक में हिस्सा लेने आए नोखा से विधायक बिहारी लाल बिश्नोई और एक महिला नेता के साथ धक्का मुक्की हुई। नारेबाजी करते हुए किसानों ने बीजेपी विधायक का घेराव कर दिया। पुलिस ने किसी तरह विधायक और महिला नेता को किसानों के बीच से निकाला। इस पर बीजेपी विधायक का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। किसानों ने विधायक को कार्य समिति में जाने ही नहीं दिया, उन्हें एक पेड़ के नीचे बिठाए रखा।
बिहारीलाल बिश्नोई ने किसानों को सीधी चेतावनी देते हुए कहा कि मुझे विधायक अरुण नारंग समझने की भूल न करें, मुझ में और नारंग में बहुत अंतर है, बताते चलें कि पंजाब के अबोहर से विधायक अरुण नारंग का किसानों ने इसी तरह घेराव कर लिया था। धक्का-मुक्की में उनके कपड़े फट गए थे।
बिश्वोई ने कहा कि हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन इसका भी एक तरीका होना चाहिए। वहीं किसानों का कहना है कि श्रीगंगानगर में किसान भारतीय जनता पार्टी के किसी भी कार्यक्रम को नहीं होने देंगे। जब तक केंद्र सरकार कृषि कानून को वापस नहीं लेती है, भाजपा नेताओं के साथ इसी तरह का व्यवहार होता रहेगा।