राजस्थान की तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा की हार पर रार लगातार तेज हो रही है। हार का शिकार हुए श्रम मंत्री डॉ. जसवंत यादव ने अपनी ही पार्टी के विधायक ज्ञानदेव आहूजा के बारे में कहा है कि उन्हें मनोचिकित्सक के पास ले जाने की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए मदद की पेशकश भी कर दी। जवाब में आहूजा ने भी कह दिया कि जसवंत यादव ऐसे मेंटल हैं, जिनका इलाज जयपुर में नहीं हो सकता। उन्हें आगरा ले जाने की जरूरत है। उन्होंने भी कह दिया कि वह अपने साथ उन्हें आगरा ले जाने के लिए तैयार हैं। आहूजा केंद्रीय नेतृत्व और खुद जसवंत यादव को हार के लिए जिम्मेदार बता चुके हैं। वह लगातार पार्टी विरोधी बयान देते रहते हैं। उनका कहना है कि अलवर लोकसभा सीट से उन्हें टिकट देने का आश्वासन दिया गया था, पर ऐन वक्त पर जसवंत को उम्मीदवार बना दिया गया।
दैनिक भास्कर ने जब जसवंत यादव से पूछा कि आहूजा उन्हें निशाने पर क्यों ले रहे हैं, तो राज्य के श्रम मंत्री ने जवाब दिया- मैं फिजिशियन हूं। समझता हूं कि ऐसी बातें करने वाले की मानसिकता कैसी होती है। आहूजा को अच्छे साइकेट्रिक की जरूरत है। मैं उन्हें दिखाने में मदद कर सकता हूं। अखबार ने जब आहूजा को बताया कि जसवंत यादव ने उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं बताई है तो उनका जवाब था- जसवंत यादव चुनाव हारने के बाद मेंटल हो गए हैं। उनका इलाज जयपुर के मेंटल हॉस्पिटल में संभव नहीं है। उन्हें आगरा ले जाना पड़ेगा। मैं ही आगरा लेकर जाऊंगा। बहरोड़ की जनता ने ही 25 हजार वोटों से हराकर उन्हें पागल घोषित कर दिया।
बता दें कि राजस्थान में अलवर और अजमेर की लोकसभा सीटों के साथ मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे। एक फरवरी को आए नतीजों में तीनों सीटों पर सत्ताधारी भाजपा की करारी हार हुई। इसे लेकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का इस्तीफा लेने की मांग भी पार्टी से उठने लगी है। राज्य में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं।