भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने जम्मू-कश्मीर को लेकर नया बयान दिया है। उन्होंने राज्य में किसी हिंदू को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में भाजपा द्वारा समर्थन वापस लेने से महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर चुकी है। साथ ही महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के कई विधायकों ने सार्वजनिक तौर पर शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ आवाज उठाई है। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में हिंदू मुख्यमंत्री होना चाहिए। यदि पीडीपी में कोई हिंदू या सिख सदस्य है तो हमलोग उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बना सकते हैं। जवाहरलाल नेहरू द्वारा थोपी गई उस परंपरा को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जिसके तहत जम्मू-कश्मीर में सिर्फ मुस्लिम ही मुख्यमंत्री बन सकता है।’ बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा और पीडीपी ने साथ मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन पिछले महीने बीजेपी ने महबूबा मुफ्ती सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी थी। सरकार गिरने के बाद राज्य में राज्यपाल शासन लगा दिया गया। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पीडीपी के कई असंतुष्ट विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं। ऐसे में पीडीपी के विधायकों को तोड़ कर सरकार बनाने की कयासबाजी भी चल रही है। इस बीच, सुब्रमण्यम स्वामी ने नया बयान दे दिया। दूसरी तरफ, पार्टी में उभरे असंतोष को दूर करने की कोशिशों के तहत महबूबा मुफ्ती ने अपने विधायकों से एक-एक कर मिलने का फैसला किया है।

पार्टी में तोड़फोड़ की आशंका के बीच पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती चेतावनी भी दे चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि बीजेपी बीजेपी द्वारा पीडीपी को तोड़ने का प्रयास भारतीय लोकतंत्र में कश्मीरियों के विश्वास को समाप्तकर देगा। पीडीपी प्रमुख ने कहा था, ‘अगर दिल्ली हस्तक्षेप करती है, हमारी पार्टी को तोड़ती है और सज्जाद लोन या किसी को भी मुख्यमंत्री बनाती है तो इससे कश्मीरियों का भारतीय लोकतंत्र में विश्वास समाप्त हो जाएगा। दिल्ली द्वारा किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप को गंभीरता से लिया जाएगा।’ हालांकि, बीजेपी महासचिव राम माधव ने जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के असंतुष्ट विधायकों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की किसी भी संभावना से इनकार किया है। भाजपा नेता ने ट्वीट किया था, ‘हम राज्य में शांति, सुशासन और विकास के हित में राज्यपाल शासन लागू रहने देने के पक्ष में हैं।’ बता दें कि राम माधव का बयान ऐसे समय में आया था जब पीडीपी के विधायकों को तोड़ कर सरकार बनाने की चर्चा जोरों से चल रही थी। पीडीपी के कम से कम पांच विधायकों ने सार्वजनिक तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के खिलाफ बयान दिया था। 87 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पीडीपी के पास 28 और बीजेपी के पास 25 विधायक हैं।