नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पश्चिम बंगाल के कोलकाता जाएंगे। पीएम ने हाल ही में 23 जनवरी को नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान किया था। इसी दिन कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी की याद में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, जिसमें मोदी शिरकत करेंगे। हालांकि, इस पर भाजपा के ही नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सवाल उठा दिए हैं। स्वामी ने अपने ट्वीट में कहा, “आखिर क्यों मोदी को नेताजी की जयंती मनाने के लिए कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल ही जाना चाहिए?”

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही राज्यसभा से भाजपा के सांसद स्वामी ने एक ट्वीट में विक्टोरिया मेमोरियल का नाम बदलने की वकालत भी की थी। उन्होंने इसे ब्रिटिश शासन का प्रतीक बताते हुए कहा था कि इसका नाम झांसी की रानी- रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर रखा जाना चाहिए।

माना जाता है कि सुब्रमण्यम स्वामी नेताजी के बड़े प्रशंसक हैं। इसका उदाहरण इसी बात से मिलता है कि एक महीने पहले उन्होंने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि देश के राष्ट्रगान- ‘जन गण मन’ में बदलाव किए जाएं, क्योंकि इसे 1912 में हुए कांग्रेस अधिवेशन में ब्रिटिश राजा के स्वागत में गाया गया था। स्वामी ने सुझाव दिया था कि राष्ट्रगान में सुभाष चंद्र बोस द्वारा किए गए बदलाव स्वीकार किए जा सकते हैं।

उठ चुकी है विक्टोरिया मेमोरियल का नाम बोस के नाम पर रखने की मांग: बता दें कि अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने हाल ही में पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर कोलकाता के प्रतिष्ठित विक्टोरिया मेमोरियल का नाम बदलकर ‘स्वंतत्रता सेनानी स्मारक’ रखने की मांग की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेताजी की जयंती मनाने के लिए गठित समिति ने विक्टोरिया मेमोरियल का नाम सुभाष चंद्र बोस या आजाद हिंद फौज के नाम पर रखने का भी सुझाव दिया। हालांकि, इसका ऐलान अभी होगा या नहीं, इस पर संशय बरकरार है।

यूजर्स बोले- अति व्यक्ति को हंसी का पात्र बना देती है: सुब्रमण्यम स्वामी के इस ट्वीट पर जहां कई लोगों ने उन पर निशाना साधा। वहीं कई और लोगों ने उनकी बात का समर्थन भी किया। विनोद सिंह नाम के यूजर ने कहा, “आदरणीय स्वामी जी किसी भी बात की अति व्यक्ति को हसी का पात्र बना देती है। वहीं हाल इस समय आप का हुआ, याद रखना। अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप।”

एक और यूजर ने कहा, जहां चुनाव होंगे, वही जाएंगे न। ट्विटर हैंडल purohitrk2012 ने लिखा, “अरे सुब्रमण्यम स्वामी जी विक्टोरिया मेमोरियल में जाएंगे, तभी तो वहां नेताजी मेमोरियल नाम होगा। पहले जाना पड़ेगा। जाने के बाद ही मेमोरियल नाम होगा यह आपका सपना पूरा होगा जी।” एक अन्य यूजर ने कहा, “सर नाम में क्या रखा है? पहली बार नेताजी को उनका हक मिल रहा है, यह ज्यादा अहम है।”