इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने के बाद इसे लेकर राजनीति शुरु हो गई है। विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर भाजपा सरकार की आलोचना की है। अब भाजपा नेता आईपी सिंह ने इस मुद्दे पर एक विवादित बयान दिया है। आईपी सिंह ने एक ट्वीट कर कहा कि “यदि कांग्रेस ईमानदार होती तो धर्म के आधार पर देश के विभाजन के साथ ही सब बदल देना चाहिए था। लेकिन असफल PM जवाहरलाल नेहरु नहीं कर पाएं। अब रामजन्म भूमि पर मंदिर के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, जबकि 85% हिंदूओं का देश है। भारत सही वक्त है सब बदल देना चाहिए, जिन्हें आपत्ति वे पाकिस्तान जाएं।”

बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद का नाम बदलकर योगी सरकार ने प्रयागराज कर दिया है। इससे पहले मुगल सराय रेलवे जंक्शन का नाम भी बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया गया था। इलाहाबाद का नाम अधिकारिक रुप से प्रयागराज करने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने एक बयान में कहा था कि लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, हमारी सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया है। 500 साल पहले इस जगह का नाम प्रयागराज था, क्योंकि यहां त्रिवेणी का संगम है। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वो इसके इतिहास, संस्कृति और परंपरा से वाकिफ नहीं हैं और हम ऐसे लोगों से कोई उम्मीद नहीं रख सकते।

भाजपा नेता IP Singh का ट्वीट

माना जा रहा है कि भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए हिंदुत्व की राजनीति को लेकर सक्रिय हो गई है और नाम बदलने की यह प्रक्रिया भी उसी योजना का हिस्सा है। हालांकि इसे लेकर कुछ लोग भाजपा की आलोचना भी कर रहे हैं और धर्म की राजनीति करने को लेकर सरकार को आड़े हाथों ले रहे हैं। वहीं भाजपा के इस फैसले का समर्थन करने वाले लोगों की कमी भी नहीं है। राम मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा आलोचना के निशाने पर है। चूंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है, ऐसे में भाजपा राम मंदिर मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं कर पा रही है। ऐसे में हिंदुत्व के मुद्दे उठाकर भाजपा अपने खिलाफ बन रहे माहौल को शांत करना चाहती है।