पश्चिम बंगाल की फिजा में एक बार फिर से चुनावी नारे गूंजने लगे हैं, खादीधारियों की चहलकदमी भी बढ़ चली है। भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनावों को लेकर ममता बनर्जी बेहद गंभीर नजर आ रही हैं। पिछले दिनों वह एक मस्जिद में नजर आई थीं। बुधवार को ममता बनर्जी ने गुरुद्वारा संत कुटिया में मत्था टेका। ममता बनर्जी की इस कवायद पर पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने हमला करते हुए कहा कि आज ममता बनर्जी गुरुद्वारा जाकर माथा टेक रही हैं, लेकिन उनका सिखों के साथ व्यवहार क्या रहा है। उन्होंने कहा कि 1984 में जब दिल्ली में सिख दंगे हुए थे, उस समय ममता बनर्जी कांग्रेस में थी। बकौल घोष, क्या इस मामले में ममता बनर्जी ने कभी दुख व्यक्त किया, उन्होंने कहा कि सीएम को पहले ये खुलासा करना पड़ेगा।
भवानीपुर में सिख आबादी: राजनीति के जानकार बताते हैं कि भवानीपुर इलाके में सिख समुदाय की खासी आबादी है। ममता बनर्जी ने यहां पहुंकर लोगों के कृषि बिल और किसान आंदोलन पर भी चर्चा की। सीएम बनर्जी ने कहा कि वह किसान आंदोलन का समर्थन करती हैं और कृषि कानूनों को रद्द करने के पक्ष में हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि मैं आप लोगों का आशीर्वाद लेने आई हूं। मैं पहले भी यहां आती रही हूं, जब भी मौका मिलता है गुरु्वारा आने की कोशिश करती हूं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भवानीपुर सीट से प्रियंका टिबड़ेवाल को उतारा है। बीजेपी प्रत्याशी ने अपना नामांकन दाखिल करते हुए कहा था कि यह यह लड़ाई अन्याय के खिलाफ है। कांग्रेस ने इस सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। भवानीपुर सीट पर 30 सितंबर को उपचुनाव होंगे और नतीजों का ऐलान 3 अक्टूबर को होगा।
दो दिनों पहले गईं थी मस्जिद: ममता बनर्जी ने गुरुद्वारे जाने से दो दिन पहले इस इलाके की 16 आना मस्जिद का दौरा किया था। इस इलाके में 20 प्रतिशत मुस्लिम वोटर्स हैं तो वहीं सिखों की आबादी भी पांच हजार के करीब वोटर्स इस इलाके में रहते हैं। ऐसे में इन लोगों का रुझान ही जिस तरफ होगा, जीतने के अनुमान उतने ही बढ़ जाएंगे।
BJP उम्मीदवार ने भी किया था गुरुद्वारे का दौरा: ऐसा नहीं है कि सिर्फ टीएमसी नेता धार्मिक स्थलों का दौरा कर रहे हैं पिछले दिनों बीजेपी उम्मीदवार प्रियंका टिबड़ेवाल भी गईं थीं। वहां पहुंचकर उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया था कि वह सिर्फ चुनावों के समय ही गुरुद्वारा ही आती हैं जबकि मस्जिद वह अक्सर ही जाया करती हैं।