वडोदरा के एक भाजपा नेता ने अपनी पार्टी के सहयोगी और दो अन्य लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। भाजपा नेता ने फर्जी जमीन सौदे में 21 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने कहा कि एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। भाजपा पार्षद पराक्रमसिंह जाडेजा द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर वडोदरा सिटी पुलिस ने मंगलवार को तीन आरोपियों में से एक जामाजी सोढ़ा को गिरफ्तार कर लिया। वहीं पुलिस ने भाजपा नेता दिलीपसिंह गोहिल और तीसरे आरोपी कमलेश देत्रोजा की तलाश शुरू कर दी।

BJP नेता ने दर्ज कराई FIR

अपनी शिकायत में पराक्रमसिंह जड़ेजा ने कहा कि पिछले साल दिलीप गोहिल और कमलेश देत्रोजा ने उन्हें सुखालीपुरा गांव में स्थित जमीन का एक हिस्सा बेचने की पेशकश की थी, जो कथित तौर पर कमलेश के चाचा की थी। शिकायत में कहा गया है कि कमलेश ने दावा किया था कि उसके चाचा (अमृत पारेचा) ने उसे जमीन बेचने के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी दी थी। पराक्रमसिंह जड़ेजा ने आरोप लगाया कि दिलीप गोहिल और कमलेश ने उन्हें बताया कि वे जमीन में साझेदार बन गए हैं और इसे 1.45 करोड़ रुपये में बेचने का फैसला किया है। इसके बाद पराक्रमसिंह जडेजा ने उन्हें 21 लाख रुपये एडवांस भुगतान किया, जिसमें से कमलेश ने 11 लाख रुपये लिए और दिलीप गोहिल को 10 लाख रुपये का भुगतान किया गया।

दिलीप गोहिल वडोदरा नगर निगम के स्कूल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हैं और भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं। पराक्रमसिंह जड़ेजा ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने कथित तौर पर उससे कहा था कि चूंकि अमृत पारेचा अस्वस्थ है, इसलिए बिक्री का रजिस्ट्रेशन उनके ठीक होने के बाद किया जा सकता है। इस बीच पराक्रमसिंह जाडेजा को दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया और उनकी अनुपस्थिति में आरोपी कथित तौर पर डिप्टी-रजिस्ट्रार के कार्यालय में पंजीकरण के लिए भूमि मालिक के रूप में पेश करने के लिए अमृत पारेचा के हमशक्ल जामाजी सोढ़ा को लाया।

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पुलिस का आया बयान

असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर जीबी बभानिया ने कहा, “जमीन के कागजात दिए जाने पर शिकायतकर्ता को संदेह हुआ कि कुछ गड़बड़ है क्योंकि अमृत पारेचा को भुगतान की गई शेष राशि का भुगतान नहीं किया गया था। जांच करने पर शिकायतकर्ता को धोखाधड़ी के बारे में पता चला और उसने पुलिस को इसकी सूचना दी। हमने जामाजी सोढ़ा का पता लगाया और उसे गिरफ्तार कर लिया, जबकि कमलेश और दिलीप गोहिल का पता लगाने के लिए दो टीमें बनाई गई हैं।”

मंगलवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए पराक्रमसिंह जडेजा ने कहा कि जब उन्होंने आरोपियों का सामना किया तो उन्होंने पैसे वापस करने की पेशकश की थी, लेकिन वह कानूनी सहारा लेना चाहते थे।