हरियाणा के भाजपा नेता और पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया ने केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता दर्शाते हुए रविवार को सत्तारूढ़ पार्टी का साथ छोड़ दिया।

उन्होंने आज अपने गांव दौलतपुर में आयोजित पंचायत में अपने फैसले की घोषणा की। बाद में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि तीनों कृषि कानून किसान-विरोधी हैं जिन्हें तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। बकौल दौलतपुरिया, “मेरे गांव में पंचायत हुई थी। उन्होंने मुझे निर्देश दिया कि मैं आंदोलनरत किसानों (कृषि कानूनों के खिलाफ) के समर्थन में पूरी तरह से आ जाऊं। इसके बाद ही मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया…मैं किसानों के कंधे से कंधा मिलाकर यह लड़ाई लड़ूंगा और टिकरी बॉर्डर (आंदोलनस्थल) भी जाऊंगा।”

बता दें कि दौलतपुरिया ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। दौलतपुरिया से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह कुछ लोगों के साथ नजर आ रहे थे। वहां एक कार भी थी, जिस पर भाजपा का झंडा लगा था। अचानक उन्हीं में से एक व्यक्ति भाजपा का झंडा हटाकर जमीन पर फेंककर उसे कुचलने लगता है। इस दौरान वह ‘मोदी-खट्टर मुर्दाबाद’ और ‘बीजेपी सरकार मुर्दाबाद’ के नारे लगा रहा था। बाकी लोग भी इन नारों को दोहरा रहे थे। ‘किसान मजदूर व्यापारी एकता जिंदाबाद’ और ‘कानून कानून वापस लो’ के नारे भी लगे।

इसी बीच, सोनीपत के राय ब्लॉक से किसानों के समर्थन में एक ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। वहीं, पलवल में कृषि कानूनों के मसले पर किसान मजदूर महापंचायत बुलाई गई, जिसका आयोजन आढ़तिया एसोसिएशन की ओर से किया गया था। एक किसान नेता ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि जींद में भी अगले महीने (फरवरी) में एक महापंचायत होगी, जिसके जरिए आंदोलनरत किसानों के लिए समर्थन जुटाया जाएगा।