बिहार में विधानसभा चुनाव में अब तीन हफ्ते से भी कम का समय बचा है। हालांकि, इससे पहले सियासी उठापटक का दौर जारी है। राज्य में भाजपा और लोजपा के बीच पक रही खिचड़ी पर सीएम नीतीश कुमार नाराज बताए गए हैं। बता दें कि भाजपा और जदयू के बीच पहले सीटों के बंटवारे का ऐलान सोमवार को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में हो जाना था। हालांकि, इसमें नीतीश कुमार के न पहुंचने के बाद आनन-फानन में भाजपा ने बयान जारी किया। इसमें वादा किया गया कि अगर उनके गठबंधन की सरकार सत्ता में आती है, तो किसी के पास कितनी भी सीटें हों, लेकिन सीएम नीतीश कुमार ही रहेंगे। इतना ही नहीं भाजपा ने उस फॉर्मूले को भी मंजूरी दे दी, जिसके तहत सांकेतिक तौर पर जदयू को नेतृत्व बताते हुए लड़ने के लिए एक सीट ज्यादा दी गई है।
क्यों नाराज हुए नीतीश: गौरतलब है कि भाजपा-जदयू गठबंधन के बीच ताजा मामला सीट बंटवारे पर फैसले के बाद उठा है। दरअसल, केंद्र की एनडीए सरकार में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने बिहार में एनडीए की ही एक और साझेदार जदयू और सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ खड़े होने का फैसला किया है, जबकि भाजपा के खिलाफ पार्टी ने कोई बैर न रखने की बात कही है। लोजपा ने अपना रुख साफ करते हुए कहा था कि वह चुनाव के बाद भी भाजपा से गठबंधन कर लेगी। बताया गया है कि इसी व्यवस्था को लेकर जदयू ने भाजपा से नाराजगी जताई है।
कैसे बनी दोनों पार्टियों की बात: बता दें कि सोमवार को जब नीतीश कुमार दोनों दलों के साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं पहुंचे थे, तब बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल ने बयान जारी कर कहा गठबंधन का भरोसा नीतीश कुमार के नेतृत्व पर जताया था। उन्होंने कहा था, “नीतीश कुमार जी के नेतृत्व पर कोई संशय नहीं है और जो लोग उनके नेतृत्व को नहीं स्वीकार सकते, वे एनडीए का हिस्सा नहीं हो सकते।” सोमवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम तो नहीं पहुंचे थे, पर भाजपा के बड़े चेहरे- डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, बिहार इंचार्ज भूपेंद्र यादव और देवेंद्र फडणवीस शामिल थे। इसके अलावा जदयू से प्रदेशाध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह और कार्यकारी अध्यक्ष अशोक कुमार चौधरी मौजूद रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के इस कदम के बाद ही नीतीश ने आगे प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने का फैसला किया।
दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी साफ कर दिया था कि नीतीश कुमार ही एनडीए की ओर से सीएम उम्मीदवार होंगे। उन्होंने कहा, “बीच के कुछ सालों को छोड़ दिया जाए, तो हमारा 1996 से नाता रहा है।” जब मोदी से पूछा गया कि अगर भाजपा के पास जदयू से ज्यादा सीटें आती हैं, उस सूरत में क्या होगा? इस पर मोदी ने कहा था कि नीतीश कुमार हर हाल में हमारे सीएम उम्मीदवार होंगे। यह मायने नहीं रखता है कि किस पार्टी को क्या मिला, ये पूरे एनडीए की मजबूती की बात है। हमें तीन-चौथाई बहुमत मिलेगा।
सीट बंटवारे पर क्या हुआ दोनों पार्टियों का फैसला: बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मंगलवार को भाजपा और जदयू ने सीट बंटवारे का ऐलान किया। जहां जदयू 122 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, वहीं भाजपा को 121 सीटें मिली हैं। हालांकि, दोनों ही पार्टियां अपने कोटे की कुछ सीटें गठबंधन की पार्टियों को भी देंगी। जदयू जीतनराम मांझी की ‘HAM’ को 7 सीटें अपने कोटे से देगी, जबकि भाजपा भी वीआईपी पार्टी के लिए 6 सीटें देगी। यानी कुल मिलाकर भाजपा-जदयू दोनों 115-115 सीटों पर प्रत्याशी उतारेंगी।