नाराज अन्नदाताओं की मागें मनवाने के लिए जल्द भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दिल्ली देहात की और अपना रुख करेगी। भाजपा के कार्यकर्ता गांवों में किसानों के घर-घर जाएंगे और मतदाताओं से एक मुठ्ठी अनाज मांगेंगे। इसका मकसद आगामी निगम चुनाव के लिए गांवों में भाजपा की जमीन तैयार करना होगा। इसके अतिरिक्त यह याद दिलाना होगा कि बीते सालों में दिल्ली सरकार के पास किसानों से संबंधित एक दर्जन से अधिक मांगें लटकी हुई हैं।

भाजपा का दावा है कि इन मांगों को लेकर अब तक दिल्ली सरकार ने कोई पहल नहीं की है। दिल्ली में 365 गांव हैं और इन गांवों में एक दर्जन से अधिक मामले ऐसे हैं, जो दिल्ली सरकार की तरफ से मंजूर हों तो किसानों को लाभ मिल सकता है। इस पहल से भाजपा गांवों के वोट बैंक को एक साथ लाने की कोशिश करने जा रही है। अप्रैल में दिल्ली में निगम चुनाव होने हैं और इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना भी जारी कर दी है।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि भाजपा के कार्यकर्ता घर-घर जा कर अन्नदान को एकत्र करेंगे और एक बड़े आयोजन में सभी किसानों को बुलाया जाएगा। जहां इन अन्नदान में आए अन्न को पकाया जाएगा और किसानों को ही वितरित किया जाएगा। किसान आंदोलन के बाद से ही भाजपा इन मुद्दों को लेकर दिल्ली सरकार को घेर रही है।

हाल ही में किसानों की मांगों को लेकर दिल्ली के किसानों ने मुख्यमंत्री आवास के बाद प्रदर्शन कर अपना विरोध भी दर्ज कराया था। पार्टी सूत्र बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों को एकजुट किया जाएगा और आगामी निगम चुनाव के लिए समर्थन बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे पूर्व लोकसभा चुनाव के पहले भी भाजपा ने दलित वोट बैंक को एकजुट करने के लिए ऐसी ही पहल की थी। इस पहल के तहत तीन लाख दलित परिवारों के घर से चावल व दाल मंगवाई थी और रामलीला मैदान में पांच हजार किलोग्राम खिचड़ी तैयार की गई थी।