पश्चिम बंगाल में पैर जमाने की कोशिश में जुटी केंद्र में सत्‍तारूढ़ भाजपा को करारा झटका लगा है। भाजपा ने नोआपाड़ा उपचुनाव के लिए ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की पूर्व विधायक मंजू बसु को अपना उम्‍मीदवार बनाने की योजना बनाई थी। इसके लिए मंजू को प्रस्‍ताव भी दिया गया था। लेकिन, भाजपा की उस वक्‍त किरकिरी हो गई जब तृणमूल की पूर्व विधायक ने उम्‍मीदवारी का प्रस्‍ताव यह कहते हुए ठुकरा दिया कि वह अभी भी ममता बनर्जी की सिपाही हैं। उपचुनाव 29 जनवरी और मतगणना 1 फरवरी को होना है। कांग्रेस विधायक मधुसूदन घोष की कुछ महीनों पहले मौत होने के कारण नोआपाड़ा सीट खाली हुई थी। तृणमूल ने सुनील सिंह को अपना उम्‍मीदवार बनाया है। भाजपा तृणमूल और वाम मोर्चा के गढ़ में सेंध लगाने के प्रयास में जुटी है। भाजपा अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए राज्‍य में खुद को मजबूत करने में जुटी है। पश्चिम बंगाल में मुस्लिम मतदाताओं की अच्‍छी-खासी तादाद को देखते हुए पार्टी ने राज्‍य में मुस्लिमों का सम्‍मलेन कराने का फैसला किया है।

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्‍व ने रविवार (7 जनवरी) को मंजू बसु को उपचुनाव में अपना प्रत्‍याशी बनाने की घोषणा की थी। इसके कुछ घंटों बाद ही मंजू ने कहा कि वह अब भी तृणमूल कांग्रेस के साथ हैं। उन्‍होंने कहा था, ‘मैं तृणमूल नेता ममता बनर्जी की बफादार सिपाही हूं। मैं अब भी तृणमूल में ही हूं और मुझे ममता बनर्जी पर पूरा भरोसा है।’ भाजपा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मंजू ने सदस्‍यता के लिए पार्टी के टॉल फ्री नंबर पर मिस कॉल दिया था। उनको भाजपा में शामिल करने के लिए कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई थी। मंजू तृणमूल कांग्रेस की ओर से नोआपाड़ा विधानसभा सीट से ही दो बार विधायक रह चुकी हैं। भाजपा का प्रस्‍ताव ठुकराने पर ज्‍यादा बोलने से परहेज करते हुए उन्‍होंने बस इतना कहा कि यह उनका निजी फैसला था। मंजू ने कहा, ‘आपके पास कई राजनीतिक दलों के प्रस्‍ताव हो सकते हैं। लेकिन, आप उसे स्‍वीकार करते हैं या नहीं यह निहायत ही निजी फैसला होता है।’

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मुकुल रॉय की करीबी: मंजू बसु को तृणमूल के पूर्व वरिष्‍ठ नेता मुकुल रॉय का करीबी माना जाता है। मुकुल भाजपा का दामन थाम चुके हैं। बताया जाता है कि ममता बनर्जी द्वारा टिकट न दिए जाने के बाद से वह पिछले कुछ दिनों से भाजपा नेताओं के संपर्क में थीं। भाजपा के एक वरिष्‍ठ नेता ने बताया कि मुकुल रॉय ने मंजू बसु को टिकट देने का समर्थन किया था। मंजू द्वारा प्रस्‍ताव ठुकराने के बाद भजापा ने पश्चिम बंगाल में सत्‍तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है। भाजपा के महासचिव शयंतन बसु ने कहा, ‘हमलोग इस बात से भली-भांति अवगत हैं कि मंजू को तृणमूल कांग्रेस की ओर से धमकी मिली थी। यही वजह है कि वह पीछे हटने को मजबूर हो गईं।’