कोरोनावायरस महामारी और कई राज्यों में लगे लॉकडाउन के बीच देश में महंगाई तेजी से बढ़ती जा रही है। खाद्य उत्पादों के साथ पेट्रोल-डीजल के दामों में भी बढ़ोतरी जारी है, जिसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है। इस बीच नेताओं के असंवेदनशील बयान भी लोगों के घाव पर नमक लगाने का काम कर रहे हैं। ताजा बयान छत्तीसगढ़ की पूर्व रमन सिंह सरकार में मंत्री रहे बृजमोहन अग्रवाल की तरफ से आया है, जिन्होंने कहा कि अगर महंगाई राष्ट्रीय आपदा है, तो ऐसा कहने वाले खाना-पीना बंद कर दें और पेट्रोल का उपयोग न करें।

क्या बोले भाजपा नेता?: मौजूदा समय में भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने मंहगाई के मुद्दे पर कहा, “अगर महंगाई राष्ट्रीय आपदा है तो मुझे लगता है कि जो लोग इसे आपदा कह रहे हैं वो लोग खाना-पीना बंद कर दें। अन्न त्याग दें। पेट्रोल का उपयोग करना बंद कर दें। मुझे लगता है कि अगर कांग्रेसी और कांग्रेस को वोट देने वाले लोग यह कर देंगे तो महंगाई कम हो जाएगी।”

कांग्रेस नेता के बयान पर दे रहे थे जवाब: बताया गया है कि अग्रवाल ने यह बयान छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम के आरोपों के बाद दिया। दरअसल, मरकाम ने गुरुवार को ही भाजपा पर महंगाई बढ़ाने का आरोप लगाकर महंगाई को राष्ट्रीय आपदा करार दिया था। उनका कहना था, पिछले 7 सालों में महंगाई दोगुने से अधिक हो गई है। कोरोना की वजह से लोगों की आय प्रभावित है। इस वजह से दिक्कते बढ़ रही है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया था।

कांग्रेस ने पूछा- 61-62 लाख लोगों को मरने को कह रहे भाजपा MLA?: कांग्रेस नेता के इस बयान पर पलटवार भाजपा विधायक को महंगा पड़ गया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील शुक्ला ने तुरंत उनके बयान को लपकते हुए कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में राज्य के 43 फीसदी वोटरों ने कांग्रेस को वोट देकर भाजपा को सत्ता से बेदखल किया था। क्या इसका मतलब यह है कि 2018 में मतदान करने वाले कुल 1 करोड़ 42 लाख 90 हजार 497 वोटरों में से 61 लाख 44 हजार 913 लोग खाना-पीना छोड़कर अपनी जान दे दें ताकि महंगाई कम हो? उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा, “क्या भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल इन 61-62 लाख लोगों को मरने के लिए कह रहे हैं?”