Rajasthan Politics : राजस्थान में इस साल के आखिर तक विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार बनी रहेगी या बदलाव होगा के सवाल पर चर्चा का दौर भी शुरू हो गया है। अब चुनाव से ठीक पहले शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री ने 19 जिलों और तीन संभागों की घोषणा करते हुए प्रदेश का सियासी पारा बढ़ा दिया है। उनके इस फैसले को एक बड़ी सियासी चाल के तौर पर देखा जा रहा है। 19 जिलों की घोषणा का सीधा असर उन मतदातों पर प्रभाव डाल सकता है जो इन जिलों से संबंध रखते हैं।

भाजपा ने इस फैसले का आने वाले विधानसभा चुनाव में वोटों की फसल काटने के उद्देश्य से लिया गया फैसला बताया है। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट करते हुए प्रीतिक्रिया दी है।

क्या बोलीं वसुंधरा राजे

राजस्था न की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए कांग्रेस सरकार के इस फैसले पर अपनी बात रखी है। उन्होने ट्वीट कर कहा “कांग्रेस सरकार की नई घोषणाएं अपने व्यक्तिगत राजनैतिक स्वार्थों की पूर्ति करने का प्रयास भर है। इस कोशिश में उन्होंने राजस्थान के पूरे आर्थिक तंत्र को दांव पर लगा दिया है। जिसका खामियाजा आने वाले वर्षों में प्रदेश और प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा”

उन्होने कहा “नये ज़िले बनाए जाने की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण तथ्यों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया है। जिस कारण नये ज़िले बनने से होने वाली सुगमता के बजाय जनता को प्रशासनिक जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा, प्रदेश के चिंताजनक राजकोषीय संकेतकों को मुख्यमंत्री जी ने ताक पर रखकर बजट का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है”

“वोटों की फसल काटने के लिए लिया गया फैसला”

जहां एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस बड़े ऐलान के बाद कांग्रेस विधायकों में खुशी का माहौल है, वहीं भाजपा नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौर ने कहा “मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी आपने 19 जिलों के गठन और 3 संभाग की घोषणा मात्र आगामी चुनावों में वोटों की फसल काटने तथा अपने असंतुष्ट विधायकों को खुश करने के लिए की है।

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जिलों की घोषणा करने में ना तो जनसंख्या व क्षेत्रफल का ध्यान रखा गया और ना ही आमजन से जुड़ी मूलभूत सुविधाओं का।