महाराष्ट्र में 15 जनवरी को बीएमसी और अन्य नगर निगमों के चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी और शिवसेना के बीच ज्यादातर जगहों पर गठबंधन के लिए बातचीत पूरी हो चुकी है। ठाणे नगर निगम जहां पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का दबदबा माना जाता है, वहां पर भी दोनों दलों में बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है। शिवसेना के एक नेता के अनुसार तीन सीटों के लिए चर्चा अभी भी जारी है।

तीन सीटों पर चर्चा जारी

ठाणे से शिवसेना के लोकसभा सांसद नरेश म्हस्के ने कहा, “गठबंधन का विवरण जल्द ही हमारे वरिष्ठ नेताओं द्वारा घोषित किया जाएगा। दोनों पार्टियों के स्थानीय नेताओं के बीच लंबी बैठकों के बाद तीन सीट का मुद्दा अंतिम निर्णय के लिए उन्हें सौंप दिया गया है। शिवसेना प्रमुख (उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे) और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दोनों दलों के बीच गठबंधन मजबूत बना रहेगा और हम उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”

एनसीपी से क्यों नहीं हुआ गठबंधन?

ठाणे में कुल 131 सीटें हैं जिनके लिए 15 जनवरी को चुनाव होंगे। महायुति गठबंधन के तीसरे घटक दल (अजीत पवार की एनसीपी) के शिवसेना और भाजपा के साथ आगामी स्थानीय चुनावों में चुनाव न लड़ने के सवाल के जवाब में नरेश म्हस्के ने कहा कि चूंकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नगर इकाई अध्यक्ष नजीब मुल्ला ने घोषणा की है कि वे दोनों दलों के साथ गठबंधन नहीं करेंगे, इसलिए इसे गठबंधन वार्ता से बाहर रखा गया है।

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बीएमसी अकेले लड़ेंगे अजित पवार

बीएमसी चुनाव में महायुति के अंदर एकजुटता नहीं दिखाई दे रही है। महायुति सरकार में शामिल अजित पवार की पार्टी एनसीपी अकेले बीएमसी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। बीएमसी में 227 वार्ड हैं और 15 जनवरी को चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी और शरद पवार की पार्टी एनसीपी (शरद पवार) की पार्टी के नेताओं के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत हुई लेकिन यह फेल हो गई।

खबरों के मुताबिक अजित पवार चाहते थे कि शरद पवार की पार्टी बीएमसी में केवल 35 सीटों पर चुनाव लड़े और यह चुनाव भी एनसीपी के चुनाव निशान ‘घड़ी’ के सिंबल पर लड़ा जाए लेकिन शरद पवार गुट के नेताओं ने इसे खारिज कर दिया। पढ़ें बीएमसी चुनाव में बिखरा एमवीए