बिहार के मुख्यमंत्री पद से बुधवार (26 जुलाई) को इस्तीफा देकर गुरुवार (27 जुलाई) को दोबारा भाजपा के साथ मिलकर छठी बार सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार से उनके ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष शरद यादव नाराज बताए जा रहे हैं। पटना में सुबह 10 बजे हुए शपथ ग्रहण समारोह में शरद यादव नहीं पहुंचे। वो दिल्ली में ही रहे। पिछले दिनों 18 विपक्षी दलों की दो बैठकों में शामिल होने वाले शरद यादव ने हर वक्त कहा था कि वो और उनकी पार्टी जेडीयू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ लड़ाई लड़ती रहेगी लेकिन नीतीश कुमार ने उनकी एक नहीं सुनी और आखिरकार 20 महीने तक लालू यादव की पार्टी राजद और कांग्रेस के साथ सरकार चलाने के बाद गठबंधन तोड़ दिया।
इधर, लालू यादव ने रांची में आज (27 जुलाई) को कहा कि वो पल-पल बदल रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि वो शरद यादव से बातचीत करेंगे। माना जा रहा है कि 70 साल के लालू यादव और 70 साल के ही शरद यादव मिलकर 66 साल के नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं। बहरहाल, घटनाक्रम इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है कि इन दोनों नेताओं द्वारा नीतीश के खिलाफ कुछ भी कदम उठाने से पहले नीतीश कुमार विधानसभा में बहुमत परीक्षण पास कर सकते हैं।
नीतीश के इस फैसले से उनकी पार्टी के कई नेता नाराज बताए जा रहे हैं। शरद यादव के अलावा राज्य सभा सांसद अली अनवर का भी नाम नाराज नेताओं में है। अली अनवर ने कहा था कि नीतीश कुमार अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर बीजेपी के साथ सरकार बना रहे हैं, लेकिन मेरी अंतरात्मा इस बात को नहीं मानती है। अगर मुझे अपनी बात कहने का मौका मिलेगा, तो मैं पार्टी के मंच पर अपनी बात जरूर रखूंगा।
गौरतलब है कि बुधवार को कई घंटों तक चले सियासी ड्रामे के बाद शाम करीब साढ़े छह बजे नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि उनके लिए मौजूदा परिस्थितियों में सरकार चलाना मुश्किल हो रहा था।