पटना हाई कोर्ट के एक फैसले की वजह से बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड स्थित आलीशान बंगला छोड़ना पड़ सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से राबड़ी देवी को यह बंगला साल 2005 में आवंटित किया गया था। तब से लालू परिवार इसी बंगले में रह रहा है। इससे लालू परिवार की खट्टी-मीठी यादें जुड़ी हुई हैं। राजद और लालू यादव परिवार के बुरे दिन से लेकर, सियासी उठापटक, बेटे-बेटियों की शादी, उनके गुजारे हुए बचपन के दिन 10 सर्कुलर रोड से जुड़े हैं। इनके अलावा मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा भोज और राबड़ी देवी द्वारा हर साल की जाने वाली छठ पूजा की यादें भी इस बंगले से जुड़ी हुई हैं। लालू- राबड़ी ने अपनी चार बेटियों और एक बेटे की शादी भी इसी बंगले से की है।
राबड़े देवी के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, सतीश प्रसाद, जीतनराम मांझी को भी सरकारी बंगला खाली करना पड़ सकता है। लालू यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री के नाते कोई बंगला आवंटित नहीं कराया था और पत्नी के बंगले में ही रह रहे थे। उन्हें चारा घोटाले में साल 2017 में रांची की अदालत ने सजा सुनाई है, तब से वो रांची जेल में हैं। इन के अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी पूर्व मुख्यमंत्री के नाते मिला बंगला सात सर्कुलर रोड, छोड़ना पड़ सकता है। उन्हें मार्च 2016 में ये बंगला आवंटित किया गया था। फिलहाल जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर वहां से अपना कामकाज का संचालन कर रहे हैं।
जीतनराम मांझी पूर्व मुख्यमंत्री के अलावा मौजूदा विधान सभा के सदस्य हैं, जबकि राबड़ी देवी विधान परिषद में नेता विपक्ष हैं। इसलिए उन्हें सरकारी बंगला आवंटित किया जाएगा लेकिन यह जरूरी नहीं है कि पूर्व सीएम की हैसियत से मिला बंगला उनके कब्जे में बरकरार रहे। जगन्नाथ मिश्र फिलहाल किसी सदन के सदस्य नहीं हैं, इसलिए उन्हें बंगला छोड़ना पड़ सकता है। दो दिन पहले ही 5 देशरत्न मार्ग स्थित बंगला खाली करने के बाद तेजस्वी यादव सुर्खियों में थे। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बंगले की शानो-शौकत और सजावट पर व्यंग्य कसे थे और उसे मीडिया को कैमरे के सामने दिखाया था।

