बिहार के भागलपुर में ट्रैफिक सिस्टम और पार्किंग का अजब हाल है। न तो पार्किंग के लिए जगह निर्धारित है और न ही कोई बोर्ड लगा है। इसको लेकर आए दिन विवाद होता रहता है। इसकी वजह से अक्सर आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। शुक्रवार की शाम भागलपुर बाजार में अचानक ट्रैफिक पुलिस पहुंची और सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों को क्रेन से उठवाने लगी। वहीं पर तिलकामांझी विश्वविद्यालय अंगिका विभागाध्यक्ष डॉ. योगेंद्र की कार भी खड़ी थी, जिसमें उनके परिवार के सदस्य बैठे थे। पुलिस उनकी गाड़ी भी उठाने लगी तो उनके बेटे ने विरोध किया। इस पर पुलिस ने कथित तौर पर उनसे बदसलूकी की। पुलिस ने जबरन उनके बेटे को कार से घसीटकर दूर किया, जिससे उनके पैर और घुटनों पर गंभीर रूप से चोटें आई हैं। उनकी कार को पुलिस क्रेन से जबरन उठवा थाने ले जाने लगी, उसमें उनकी पत्नी, पौत्री और बहू बैठी हुई थीं। बाद में पुलिस ने तीनों को कार से उतारकर उसे थाने ले गई इसके विरोध में डॉ. योगेंद्र शनिवार को थाना कोतवाली के सामने धरने पर बैठने का ऐलान किया है। वाकया भागलपुर के खलीफाबाग चौक पर हुआ है।

इस सिलसिले में उन्होंने थाना कोतवाली इंचार्ज गजेंद्र कुमार सिंह को धरने पर बैठने के बाबत लिखित सूचना दी है, जिसे थानाध्यक्ष ने लेने से इंकार कर दिया। डॉ. योगेंद्र ने बताया कि बाद में उन्होंने इसकी सूचना भागलपुर के डीएम, एसएसपी, एसडीओ को उनके वाट्सएप पर भेजी है। घटना के वक्त बाजार में भीड़ थी और सैकड़ों लोगों ने इसे देखा। बताया जा रहा है कि जब पुलिस उनकी कार ले जाने लगी तो डॉ. योगेंद्र के बेटे अपनी कार खुद वहां से हटाने को कह रहे थे, लेकिन बार-बार आग्रह के बावजूद उनकी एक नहीं सुनी, और धक्का-मुक्की कर कार क्रेन से उठवा थाने ले गई। डॉ.योगेंद्र बताते है कि बेटा पत्नी, बहू और पौत्री को लेकर बाजार गया था। बच्ची ने खलीफाबाग पर आइसक्रीम खाने की जिद कर ली। इसलिए ये लोग गाड़ी खड़ी कर आइसक्रीम की दुकान चले गए थे। तभी पुलिस आई और गाड़ी उठाने लगी। आश्चर्य की बात यह है कि जब बेटा गाड़ी वहां पार्क कर रहा था, तब वहां मौजूद पुलिस वालों ने उसे नहीं रोका।

उन्होंने कहा कि बेटे और पत्नी ने अंजाने में वहां गाड़ी लगाने के लिए अपनी गलती भी मानी, लेकिन पुलिसकर्मी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे और कार को क्रेन से उठवाने के लिए बल प्रयोग करने लगे। बेटा गाड़ी के सामने सड़क पर बैठ गया तो उसे जबरन धकियाते हुए घसीटने लगे। इससे उसको चोटें आईं। उस जगह पर नो पार्किंग का कोई बोर्ड भी नहीं लगा है।

उनकी मांग है कि जनता से बदसलूकी करने वाले पुलिसकर्मियों पर फौरन कार्रवाई की जाए। साथ ही प्रशासन बताए कि लोग बाजार आएं तो गाड़ी कहां खड़ी करें। भागलपुर में ट्रैफिक और पार्किंग का कोई व्यवस्थित तरीका नहीं होने की समस्या पुरानी है। इसका निदान भागलपुर डिवीजन के कमिश्नर, डीएम, डीआईजी, एसएसपी अब तक नहीं ढूंढ पाए है। यातायात व्यवस्था सुधार के लिए बैठकें तो कई दफा हुई, मगर हल नहीं निकला। नतीजतन ऐसी शर्मनाक बदसलूकी की शिकायतें मिलती रहती है।

इसको लेकर भागलपुर के एसएसपी पूरन कुमार झा ने बताया कि नो पार्किंग जोन में उनकी गाड़ी खड़ी थी। जब उनसे जुर्माना भरने को कहा गया तो वे गाड़ी के आगे बैठ गए। गाड़ी में परिवार को बैठा दिया। अंजान बनकर कानून की अवहेलना करना सही नहीं है। पुलिस की जोर जबरदस्ती से उन्होंने इंकार किया है।