बिहार के नवादा जिले के कौवाकोल थाना क्षेत्र के सरौनी गांव में 17 जुलाई की रात स्थानीय पुलिस ने एक घर में घुसकर कथित तौर पर परिवार के साथ मारपीट की। वहीं अब ये मामला बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुँच चुका है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान भी पीड़ित परिवार से मिलने उसके गाँव पहुंचे और इस दौरान पीड़ित बच्ची उनके गले लगकर रोने लगी।
क्या है पूरा मामला?
एक रिपोर्ट के अनुसार 17 जुलाई को दो बच्चों के बीच मारपीट हुई थी और यह मामला पुलिस के पास पहुँच गया। इसी मामले में पुलिस एक घर पर छापेमारी के लिए पहुंची और जब परिवार द्वारा दरवाजा खोलने में देरी की गई, तो पुलिस दरवाजा तोड़कर अन्दर घुस गई। पीड़ित लड़की ने आरोप लगाया कि घर में जब कोई नहीं मिला, तब पुलिस ने उसके साथ मारपीट की और उसके कपड़े उतरवाए। पीड़ित लड़की ने कहा कि पुलिस के साथ एक भी महिला कांस्टेबल नहीं थी।
पीड़ित परिवार से मिलने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान भी पहुंचे और इस दौरान उन्हें देखते ही पीड़ित लड़की उनसे लिपट कर रोने लगी। चिराग पासवान ने इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। चिराग पासवान ने कहा, “बिहार में पुलिस महिलाओं पर अत्याचार कर रही है। पहले पुलिस किसी अपराधी को भी पकड़ने के लिए दरवाजा तोड़कर इस तरह से किसी के घर में नहीं घुसती थी।”
चिराग पासवान ने कहा, “बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस घटना पर जवाब देना होगा। अभी तक इस मामले में पुलिस ने एफआईआर क्यों नहीं दर्ज किया है। इस घटना का जो भी दोषी हो, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। इस घटना को लेकर मैं मुख्यमंत्री, डीजीपी, आईजी व अन्य सभी पुलिस अधिकारियों से मिलूँगा और पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाने का प्रयास करूंगा।”
चिराग पासवान ने कहा कि पीड़ित बच्ची मेरी बहन है और रात भर मुझे नींद नहीं आई। उन्होंने कहा, “पुलिसकर्मी सुरक्षा की जिम्मेदारी देते हैं लेकिन बच्ची अगर कहीं सबसे ज्यादा असुरक्षित थी तो वह इन्ही पुलिसकर्मियों के सामने थी। नीतीश कुमार जी को एक मुख्यमंत्री की हैसियत से ही नहीं बल्कि गृहमंत्री की हैसियत से भी इस मामले को संज्ञान में लेना होगा। मैंने खुद उन्हें पत्र लिखकर घटना की जानकारी दी है।”