केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने एक बार फिर से बगावती स्वर बुलंद किये हैं। शनिवार को एक कार्यक्रम में उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि यादवों के दूध और कुशवाहा के चावल से अच्छा खीर बन सकती है। बता दें कि बिहार पारंपरिक रुप से दूध का व्यवसाय करने वाले यादव लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के वोट बैंक माने जाते हैं। जबकि माना जाता है कि खेती के काम में प्रमुख रुप से व्यस्त रहने वाली कुशवाहा जाति उपेन्द्र कुशवाहा की वोट बैंक है। कुशवाहा समुदाय अत्यंत पिछला वर्ग (OBC) से भी आती है।

उपेन्द्र कुशवाहा शनिवार (25 अगस्त) को मंडल कमीशन के अध्यक्ष बीपी मंडल की जन्म शती पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा,” यहां बहुत बड़ी संख्या में यदुवंशी समाज के लोग जुटे हैं, यदुवंशियों का दूध और कुशवंशियो का चावल मिल जाये तो खीर बनने में देर नहीं…लेकिन खीर बनाने के लिए केवल दूध और चावल ही नहीं…छोटी जाति और दबे-कुचले समाज का पंचमेवा भी चाहिए…तब खीर जैसा स्वादिष्ट व्यंजन बन सकता है…यही सामाजिक न्याय की परिभाषा है।” उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि इस स्वादिष्ट व्यंजन को बनने से कोई नहीं रोक सकता है।

बता दें कि उपेन्द्र कुशवाहा के एनडीए से काफी समय से नाराज रहने की खबरें आती रहती हैं। उनके इस बयान को RLSP और RJD के बीच बढ़ती नजदीकी के रुप में देखा जा रहा है। कुशवाहा ने अपने बयान में पिछड़ों और दबे कुचलों की बात कर कई अनुतरित सवाल भी छोड़ दिये। बता दें कि उपेन्द्र कुशवाहा जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से बिहार के सीएम पद को छोड़ने की मांग कर चुके हैं। उपेन्द्र कुशवाहा का कहना है कि नीतीश कुमार बिहार में 15 साल शासन कर चुके हैं और अब उन्हें ये पद छोड़ देना चाहिए। आरएलएसपी के नेता उपेन्द्र कुशवाहा को बिहार के सीएम पद का कैंडिडेट घोषित करने की मांग कर चुके हैं। बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे पर भी फेंच फंसा हुआ है। आरएलएसपी जेडीयू से ज्यादा सीटें मांग रही है। 2014 में एनडीए के साथ मिलकर RLSP ने 3 सीटें जीती थीं।