बिहार में गंगा सहित अन्य नदियों में हाल में आई बाढ़ से पिछले 24 घंटे के दौरान और तीन लोगों की मौत हुई है और प्रदेश की 37.21 लाख आबादी प्रभावित है।बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी के मुताबिक, बाढ़ से पिछले 24 घंटे के दौरान और तीन लोगों की मौत के साथ ही मृतकों की संख्या 58 हो गई है। पिछले 24 घंटे के दौरान बिहार में बाढ़ से समस्तीपुर में तीन अन्य लोगों की मौत हो गई है। हाल में आई बाढ़ से कुल 58 लोगों की मौत हो गई है जिनमें भोजपुर जिला में 15, समस्तीपुर में 11, बेगूसराय में नौ, वैशाली में सात, सारण में पांच, लखीसराय और खगड़िया में तीन-तीन, भागलपुर में दो और पटना, बक्सर व मुंगेर जिला में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। इस मौसम में दो चरणों में अब तक आई बाढ़ से प्रदेश के कुल 24 जिलों की 70.80 लाख आबादी प्रभावित हुई और अब तक कुल 159 लोगों की जान जा चुकी है।
बिहार में इन दिनों गंगा नदी के बढ़े हुए जल स्तर और तेज जल प्रवाह के कारण इस नदी के किनारे स्थित जिलों बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार जिलों में कमोबेस बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। पटना, वैशाली, भोजपुर व सारण जिला के दियारा क्षेत्र (नदी किनारे वाले इलाके) बाढ़ से ज्यादाप्रभावित हैं। इन 12 जिलों की 37.21 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है जिनमें से 5.57 लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है और इनमें से 3.03 लाख लोग सरकार की ओर से चलाए जा रहे 598 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
बिहार में फिर से आई बाढ़ से प्रभावित जिलों में राहत व बचाव कार्य जारी है। प्रभावित लोगों को दियारा क्षेत्र से सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में लाया जा रहा है, जहां उनके लिए पका हुआ भोजन, पीने का पानी, महिला व पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय, स्वास्थ्य जांच, जरूरी दवाएं, साफ-सफाई व बिजली की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने के लिए 2821 नावें चलाई जा रही हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्य में लगी हुई हैं। इस बीच बाढ़ प्रभावित वैशाली जिला के राघोपुर थाना इलाके के चंद्रपुर गांव निवासी मेघन राय की गर्भवती पत्नी रेखा देवी को प्रसव पीड़ा होने पर एनडीआरएफ की टीम उन्हें अपनी नाव से स्थानीय मोहनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जा रही थी। लेकिन उसने रास्ते में ही जुडवां बच्चों को जन्म दिया। प्रसव के बाद मां और दोनों नवजात को मोहनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को भागलपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे कई राहत शिविरों का निरीक्षण किया और राहत कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी ली।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों व राहत शिविरों का निरीक्षण करने के बाद भागलपुर जिला मुख्यालय स्थित सर्किट हाउस में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और राहत शिविरों बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे राहत कार्यों की समीक्षा की।बैठक के दौरान जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, स्वास्थ्य विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव भागलपुर प्रमंडल के आयुक्त अजय कुमार चौधरी, पुलिस महानिरीक्षक सुशील खोपडेÞ, भागलपुर के जिलाधिकारी आदेश तितरमरे, वरीय पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सोन नदी का जलस्तर रविवार को सुबह छह बजे मनेर में खतरे के निशान से 96 सेमी ऊपर था। इसके जलस्तर में सोमवार सुबह आठ बजे तक 15 सेमी की कमी होने की संभावना है। पुनपुन नदी का जलस्तर रविवार सुबह 6 बजे श्रीपालपुर में खतरे के निशान से 74 सेमी ऊपर था। इसके जलस्तर में सोमवार सुबह 8 बजे तक 77 सेमी की कमी होने की संभावना है।
घाघरा नदी का जलस्तर रविवार सुबह 6 बजे गंगपुरसिसवन और छपरा में खतरे के निशान से क्रमश: 78 सेमी और 78 सेमी नीचे था। बुढी गंडक नदी का जलस्तर रविवार सुबह 6 बजे खगड़िया में खतरे के निशान से 202 सेमी ऊपर था। इसके जलस्तर में सोमवार सुबह 6 बजे तक नौ सेमी की कमी होने की संभावना है। कोसी नदी का जलस्तर रविवार सुबह 6 बजे कुरसेला में खतरे के निशान से 153 सेमी ऊपर था जबकि बलतारा में खतरे के निशान से 40 सेमी नीचे था। इसके जलस्तर में सोमवार सुबह 6 बजे तक बलतारा और कुरसेला में क्रमश: 10 सेमी और 11 सेमी की कमी होने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, सोमवार सुबह तक बिहार की कुछ नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की वर्षा होने की संभावना है।

