हाल के दिनों में जेडीयू उपाध्यक्ष बनाए गए प्रशांत किशोर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के आवास पर रविवार (23 दिसंबर, 2018) को गठबंधन सहयोगियों के साथ हुई मीडिंग में उपस्थित नहीं थे। बैठक में अगले साल लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में बहु-प्रतिक्षित सीट बंटवारे की व्यवस्था पर चर्चा की गई। मीटिंग में भाजपा अध्यक्ष के साथ पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव और एलजेपी अध्यक्ष राम विलास पासवान अपने बेटे चिराग पासवान संग थे। इसके अलावा बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू चीफ नीतिश कुमार पार्टी की तरफ से अकेले प्रतिनिधि के रूप में मौजूद थे। इंडियन एक्सप्रेस के दिल्ली कॉन्फिडेंशियल के एक कॉलम में छपी खबर के मुताबिक इस मीटिंग के दौरान बिहार लोकसभा सीट बंटवारे पर बड़ा फैसला लिया गया।

जानना चाहिए कि पार्टी अध्यक्ष शाह ने रविवार को घोषणा की थी कि बिहार में 2019 के लोकसभा चुनाव में एलजेपी छह सीटों पर, भाजपा और जेडीयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। इसके अलावा एलजेपी प्रमुख राम विलास पासवान को राज्यसभा की एक सीट देने पर भी सहमति बनी। प्रशांत किशोर के बगैर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राम विलास पासवान के साथ घंटे भर चली बैठक के बाद अमित शाह ने कहा, ‘लोकसभा चुनावों में BJP-JDU 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी जबकि लोजपा छह सीटों पर चुनाव लड़ेगी।’

शाह ने कहा कि सभी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने में सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि एनडीए बिहार में 2019 में 2014 की तुलना में अधिक सीट जीतेगा। अमित शाह ने कहा कि एक संयुक्त चुनाव अभियान चलाया जाएगा और राजग के राज्य नेताओं द्वारा एक अंतिम मसविदा तैयार किया जाएगा। सीट बंटवारे के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा और वह 2009 के परिणामों को दोहराएग, जब भाजपा व जद (यू) ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और 40 सीटों में से 32 पर जीत हासिल की थी।