बिहार के सीएम नीतीश कुमार और कभी उनके नजदीकी रहे RCP सिंह के बीच तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। जदयू ने संपत्तियों को लेकर नोटिस भेजा तो पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पार्टी को अलविदा कह दिया। उसके बाद से वो नीतीश पर वार करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। सीएम पर वो खासे हमलावर हैं।
न्यूज 24 से बातचीत में RCP ने कहा कि आज जदयू जिस हाल में है, उसके लिए नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। वो पटना में बैठकर इधर उधर की बात करते रहते हैं। कभी जमीन पर तो उतरते ही नहीं। जिस जदयू को पहले बिहार की राजनीति में एक ताकत माना जाता था वो आज तेजी से सिमटती जा रही है। उनका कहना था कि इस सबके लिए पूरी तरह से नीतीश जिम्मेदार हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वो आरोप प्रत्यारोप की राजनीति से घबराते नहीं हैं। दम है तो सामने से लड़कर तो दिखाओ। उनका कहना था कि वो बीते सवा साल से पार्टी से दूरी बना रहे हैं। आप देख लीजिए कि जदयू किस हालत में पहुंच चुकी है। उनका कहना था कि वो किसी भी मुद्दे पर इन लोगों से घबराते नहीं हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 2020 के चुनाव में पार्टी की दुर्गति का कारण खुद नीतीश थे। उनका सवाल था कि आखिर वो कैसे इस हार के लिए जिम्मेदार हैं। उस दौरान नीतीश ही पार्टी के अध्यक्ष थे और सीएम का चेहरा भी। जाहिर है कि उनके नाम पर ही चुनाव लड़ा गया तो जिम्मेदार भी वही होंगे।
JDU छोड़ने के बाद देखिए आरसीपी सिंह का पहला इटंरव्यू @RCP_Singh @SauravKu_News24 pic.twitter.com/jh93lIY9pg
— News24 (@news24tvchannel) August 7, 2022
उनका कहना था कि जदयू केवल पटना में सिमटकर रह गई है। कोई आउटरीच प्रोग्राम नहीं चलाया जाता। नीतीश के PM बनने के सवाल पर उनका कहना था कि इसके लिए 272 सांसदों की जरूरत पड़ती है। जदयू के पास सबसे ज्यादा सांसद अभी तक 20 ही रहे हैं। जाहिर है कि इनसे PM तो नहीं बन सकता कोई। बीजेपी से नजदीकी के सवाल पर उनका कहना था कि अटल सरकार में नीतीश भी मंत्री रहे थे। तब वो किसके रहमोकरम पर थे।
ध्यान रहे कि RCP की नीतीश कुमार से राहें तकरीबन साल भर पहले से अलग होनी शुरू हो गई थीं। तल्खी बढ़ी तो नीतीश ने उन्हें राज्यसभा का टिकट तक नहीं दिया। उनका मंत्री पद गया तो तेवर भी तल्ख हो गए। बीते दिन जदयू ने उनको नोटिस देकर पूछा था कि अवैध संपत्तियों के बारे में तत्काल जवाब दें।