होटल के बदले भूखंड मामले को लेकर बिहार में महागठबंधन सरकार में शामिल जदयू और राजद के बीच जारी कटुता के बीच भाजपा ने रविवार 16 जुलाई को कहा कि वह मध्यावधि चुनाव के पक्ष में नहीं है।भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रुख का समर्थन करते हुए आज कहा कि हम मध्यावधि चुनाव के पक्ष में नहीं है । ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए।नीतीश ने कहा था कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को जनता की अदालत में पूर्ण तथ्य के साथ स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा महागठबंधन सरकार को तोडने में विश्वास नहीं रखती और हमारी पार्टी चाहती है कि यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करे। उन्होंने कहा कि जो भी राजनीतिक हालात उत्पन्न होगा उसके बारे में उनकी पार्टी की संसदीय बोर्ड निर्णय लेगी। बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील ने आरोप लगाया कि राजनीति और ”लठैती” का फर्क मिटा चुके राजद प्रमुख लालू प्रसाद को लग रहा है कि वे अपने 80 विधायकों की ”लाठी” के बल पर वह नीतीश कुमार को झुका देंगे। वहीं जदयू को भी लग रहा है कि सरकार गिरने के डर से लालू प्रसाद झुक जायेंगे। वैसे सरकार गिरने से दोनों पक्ष डरे हुए है इसलिए उनके बीच शह-मात का खेल चल रहा है।

सुशील ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया कि महागठबंधन के इन दोनों दलों के बीच जारी गतिरोध का खामियाजा पूरा बिहार भुगत रहा है। शासन-प्रशासन के सारे काम ठप है। उन्होंने कहा कि भाजपा तेजस्वी यादव के भ्रष्टाचार के खिलाफ नीतीश कुमार के लिए गए रूख के साथ है। नीतीश कुमार ने भी इसके पहले अनेक मुद्दों पर भाजपा और केन्द्र सरकार का समर्थन किया है । जदयू-राजद के बीच जल्द से जल्द आर-पार का फैसला होना चाहिए। सुशील ने कहा कि तेजस्वी यादव को अगर लम्बी राजनीति करनी है तो आरोपमुक्त होने तक उन्हें खुद इस्तीफा दे देना चाहिए। अपने पिता :लालू प्रसाद: के साये से बाहर निकल कर उन्हें ऐलान करना चाहिए कि जब वे नासमझ थे तब अपने पिता के कहने पर अनेक कंपनियों के कागजात पर दस्तखत कर दिए तथा उनके नाम से जो भी जमीन-मकान गिफ्ट कराये गए हैं उन्हें वे वापस कर देंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि दरअसल तेजस्वी को उनके पिता ने ही अपने भ्रष्टाचार के दलदल में फंसाया है । ऐसे में तेजस्वी को लालू प्रसाद नहीं बल्कि शरद यादव का अनुसरण करना चाहिए जिन्होंने हवाला कांड में नाम आने के तत्काल बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था । बिहार की महागठबंधन सरकार में शामिल जदयू और राजद में बढती कटुता के बीच राष्ट्रपति चुनाव को लेकर साझा रणनीति तैयार करने के लिए इस सरकार में शामिल राजद और कांग्रेस ने आज शाम पटना में अपने विधायकों की संयुक्त बैठक की। वहीं जदयू ने इसके लिए अपने विधायकों की एक अलग बैठक मुख्यमंत्री आवास पर बुलायी थी । करीब आधे घंटे चली इस बैठक में शामिल हुए संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार और उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री आवास से निकलने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान बैठक में महागबंधन में जारी गतिरोध को लेकर कोई भी चर्चा होने से इंकार करते हुए बताया कि बैठक में केवल 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा हुई ।