आप शराब पीते हैं या नहीं इससे कोई फर्क पड़े या ना पड़े पर सोशल मीडिया पर शराब की चर्चा या समर्थन किया, तो आपको जेल जाना पड़ सकता है। बिहार में नीतीश सरकार के शराब बंदी को लेकर बनाए नए कानून में इस बात का जिक्र है। साथ ही इसकी निगरानी का जिम्मा जिलों के जिलाधीश को सौंपा गया है। इसी के तहत भागलपुर के डीएम ने सोशल मीडिया की निगरानी का इंतजाम किया है। हालांकि इसके खिलाफ सोशल मीडिया फेसबुक पर प्रतिक्रियाएं भी शुरू हो गई हैं। भागलपुर के जिलाधीश आदर्श तितमारे ने अपने मातहतों के साथ बैठक कर जरूरी हिदायतें दी हंै। बैठक में डीडीसी भी मौजूद थे। सभी अफसरों से कहा गया है कि वे अपने इलाके में नियमित छापेमारी अभियान चलाएं और कारर्वाई की सूचना फौरन डीएम को दें। सोशल मीडिया पर खास निगाह रखने की भी हिदायत डीएम ने दी।

डीएम ने जानकारी दी कि सभी पंचायतों के मुखिया की देखरेख में अनुश्रवण समिति की बैठक पहली अक्तूबर को हुई थी जिसमें संबंधित पंचायत के दूर दराज गांवों में शराब बनाने और बेचने के बारे में पूरी जानकारी के साथ रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। रिपोर्ट मिलते ही कारर्वाई की जाएगी। पुराने कानून में पुलिस और आबकारी महकमे को ही शराबबंदी की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कारर्वाई करने का अधिकार था। मगर नए कानून, जो 2 अक्तूबर से लागू हुआ है, के तहत एसडीओ, डीसीएलआर, बीडीओ और सीओ को भी शराबबंदी कानून सख्ती से लागू कराने का अधिकार दिया है। इस आशय का सभी को पत्र भेज दिया है। इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं करने का निर्देश है।
डीएम ने साफ किया कि नए कानून में पुराने शराब बंदी कानून को भी समाहित किया गया है। इसलिए जिनके खिलाफ सुनवाई चल रही है, वह जारी रहेगी। और छापेमारी के दौरान जब्त वाहनों की नीलामी जल्द की जाएगी।

लेकिन पटना के पत्रकार अविनाश चंद्र मिश्र और ज्ञानवर्धन मिश्र का कहना है कि सोशल मीडिया पर शराब के पक्ष में बात करना या चर्चा करने पर प्रतिबंध लगाना तो लोकतंत्र में लोगों के लिखने पढ़ने और बोलने के अधिकार पर एक तरह से पाबंदी लगाना है। बेगुसराय के प्रदीप कुमार पाठक ने इसे तुगलकी फरमान बताया है, तो किशनगंज के पत्रकार नीरज झा ने राजतंत्र का नमूना। पटना के हड्डी रोग विशेषज्ञ सुनील कुमार का कहना है कि प्रधानमंत्री पद पाने का रास्ता शराब बंदी से होकर निकलता है। यह धारणा अभी और कई तुगलकी फरमान लेकर आएगी। इस तरह के अब तक सौ से ज्यादा लोगों की फेसबुक पर टिप्पणियां भागलपुर के डीएम के फरमान के बाद देखने को मिली है।