बिहार के पूर्व डिप्टी चीफ मिनिस्टर तार किशोर ने दावा किया है कि अमित शाह ने जदयू-बीजेपी की दोस्ती को बचाने की भरसक कोशिश की लेकिन नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षा इतनी बड़ी हो चुकी थी कि वो समझाने पर भी नहीं माने। उन्होंने अमित शाह की बात तो कोई तवज्जों न देकर लालू यादव की राजद से हाथ मिला लिया। तार किशोर का कहना है कि बीजेपी ने गठबंधन धर्म निभाया। ये नीतीश कुमार थे जिन्होंने उनके साथ धोखा किया।
सूबे के स्वास्थ्य मंत्री रहे मंगल पांडेय के साथ नीतीश कुमार से आज सुबह मिलने पहुंचे तार किशोर का कहना था कि बीजेपी जनहित के काम जारी रखेगी। ध्यान रहे कि जदयू-बीजेपी की दोस्ती टूटने के बीच एक बात तेजी से वायरल हो रही है कि भगवा दल के शीर्ष नेतृत्व ने नीतीश कुमार को मनाने की कोशिश नहीं की। जबकि उन्हें आभाष हो गया था कि वो पलटी मार सकते हैं।
उधर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने भी शाह और नीतीश के बीच हुई बातचीत को कंफर्म करते हुए कहा कि गृह मंत्री ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देकर सीएम से सवाल किया तो उनका कहना था कि दोनों ही तरफ के नेता बयानबाजी कर रहे हैं। उनका कहना था कि जनता इस धोखे का जवाब देगी।
गिरिराज किशोर का कहना था कि कम सीटें होने के बावजूद बीजेपी ने नीतीश को सीएम बनाया था। हमने बड़े भाई होने का धर्म निभाया ये नीतीश हैं जिन्होंने पीठ में छुरा मार दिया। उनका कहना था कि बीजेपी अब 243 सीटों पर फोकस करेगी। उनके नेता जनता के बीच जाकर धोखेबाजी की बात को बताएंगे।
गौरतलब है कि नीतीश ने राजद से हाथ मिलाकर नया गठबंधन बना लिया है। इस सबके बीच वो बीजेपी को जिम्मेदार मान रहे हैं। RCP सिंह के जरिये बीजेपी ने वही खेल खेलने की कोशिश की जो उसने उद्धव ठाकरे के साथ खेला। RCP सिंह को बीजेपी एकनाथ शिंदे की तरह से बिहार की कमान सौंपना चाहती थी। इससे जदयू बिखर जाती और नीतीश भी उद्धव की तरह से बेमतलब के होकर अपनी पार्टी में ही बेगाने हो जाते। लेकिन नीतीश इस खेल के पुराने माहिर हैं और उन्होंने RCP सिंह को ठिकाने लगाने के बाद बीजेपी को ही औंधे मुंह गिरा दिया।