बिहार में लोगों ने लूट लो ऑफर का जमकर लाभ उठाया। हालात ऐसे दिखे कि राजधानी पटना के करीब सभी शो रूम में सुबह 11 बजे तक बाइक के सभी स्टॉक खत्म हो गए। पूरे बिहार में लोगों ने 31 मार्च यानी शुक्रवार को करीब 8000 बाइक्स खरीदी। सिर्फ पटना में ही लोगों ने 2000 बाइक्स खरीदे। इसके तहत दिनभर में करीब कुल 40 करोड़ रूपये का कारोबार हुआ। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने पुराने स्टॉक खो खत्म करने के लिए ऑफर निकाला था जिसके तहत ये खरीदारी हुई है। अमूमन सभी शो रूम मालिकों ने बाइक की बिक्री पर 5 से 20 हजार रुपये तक की छूट दी थी।

टीवीएस ने बाइक और स्कूटी की खरीद पर 5000 रूपये की छूट दी थी तो होंडा ने तीन कैटगरी में 5000, 13000 और 18000 रुपये की छूट दी थी। अपाचे जैसी बाइक पर शोरूम मालिकों ने 20,000 रूपये की भी छूट दी। सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सभी वाहनों के लिए बीएस-4 मानक तय किए हैं। इसके तहत बीएस-4 मानकों का पालन नहीं करने वाली गाड़ियों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। यह रोक 1 अप्रैल 2017 से सभी ऑटो निर्माता कंपनियों पर लागू हो रही है।

मौजूदा समय में सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों के पास बीएस 3 वाहन के करीब 8.24 लाख गाड़ियां स्टॉक में पड़ी हैं। इनमें से 6.5 लाख से ज्यादा बाइक्स हैं। इसके अलावा 40 हजार तिपहिया और 96 हजार के करीब कॉमर्शियल व्हिकल्स हैं। बीएस 3 मानक वाली कारों की संख्या भी करीब 16 हजार है।

सुप्रीम कोर्ट से संबद्ध पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण समिति (ईपीसीए) ने भी वायु प्रदूषण में सुधार के बीएस-3 मानक वाले वाहनों का एक अप्रैल के बाद पंजीकरण बंद करने को कहा था। आॅटोमोबाइल विशेषज्ञों के मुताबिक देश में हर महीने करीब 14-15 लाख दुपहिया वाहन बनाए जाते हैं। इन्हें देशभर में करीब 80 हजार डीलर नेटवर्क के जरिए बेचा जाता है। पहले बीएस-3 से बीएस-4 में परिवर्तित करने की समय सीमा 2020 तक थी। लेकिन केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय ने इसे हर हाल में एक अप्रैल, 2017 से लागू कराने का फैसला लिया है। इसे देखते हुए सोसायटी आॅफ इंडियन आॅटोमोबाइल मैन्युफेक्चरर्स (एसआइएएम) ने काफी पहले से तकनीक में बदलाव कर बीएस-4 मानक के वाहनों का निर्माण शुरू कर दिया है।