1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बेनामी संपत्ति मामले में फंसे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू यादव के परिवार के बारे में रोज-रोज नए खुलासे हो रहे हैं। आयकर विभाग की जांच में पता चला है कि लालू यादव के दोनों बेटों ने अमित कात्याल नाम के शख्स से लोन लिया लेकिन बिना चुकाए कर्ज माफ हो गया। एनडीटीवी के मुताबिक लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप ने 55 लाख, छोटे बेटे तेजस्वी ने 30 लाख कर्ज लिया था। बाद में अमित कात्याल ने उस कर्ज को माफ कर दिया। बता दें कि अमित कात्याल लालू यादव के करीबी रहे हैं।

लालू यादव के बेटों के अलावा बड़ी बेटी मीसा भारती ने भी कात्याल से पौने तीन लाख रुपये लिए। आयकर विभाग का कहना है कि छापेमारी में मिले दस्तावेजों के मुताबिक अमित कात्याल की कंपनी ने 31 मार्च, 2012 को मीसा भारती को ब्रोकरेज के रूप में 2 लाख 70 हजार रुपये का भुगतान किया है। इसके अलावा इस बात का भी खुलासा हुआ है कि मीसा भारती साल 2006 से ही अमित कात्याल के साथ किंगडम होटल एंड रिजॉर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में डायरेक्टर हैं। इनलोगों ने मिलकर एक बियर फैक्टरी बिहटा के पास लगाई थी लेकिन बाद में उसे बेच दिया गया।

सरकारी जांच एजेंसियों के अनुसार अमित कात्याल पूर्व केंद्रीय मंत्री और लालू यादव के खास प्रेमचंद गुप्ता के करीबी हैं। कात्याल ने ही लालू परिवार को पटना में जमीन दी थी। अमित कात्याल 2004-05 यानी लालू के रेल मंत्री के कार्यकाल से ही उनके परिवार के करीब हैं। लालू यादव के दामाद शैलेश कुमार से सीए राजेश अग्रवाल के साले विनय मित्तल की मुलाकात अमित कात्याल ने ही कराई थी। बाद में सीए राजेश अग्रवाल कालेधन को सफेद करने के कारोबार में जुड़ गया। मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फिलहाल वो जेल में बंद है।

जांच एजेंसियों के मुताबिक कात्याल रेलवे में ठेका लेने वाली कंपनियों को सलाह दिया करता था। इनमें से कुछ कंपनियों में उसकी सीधी भागीदारी होती थी। चूंकि उसकी पहुंच सीधे रेल मंत्री तक थी तो ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि कई ठेकों में अमित कात्याल की भूमिका रही होगी।