बिहार के पटना साहिब से भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने तेजस्वी यादव मामले पर भी पार्टी लाइन का विरोध करते हुए उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ आरोप लगने पर इस्तीफा नहीं होना चाहिए। सिन्हा ने शुक्रवार (14 जुलाई) को मीडिया से कहा कि पहले भी लोगों पर आरोप लगे हैं, लेकिन लोगों ने इस्तीफा नहीं दिया। राजद और जदयू के बीच तकरार की खबरों पर उन्होंने कहा कि हो सकता है कि यह बात राजनीतिक साजिश हो, इसलिए हमें जल्दबाजी में कुछ नहीं कहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अभी और इंतजार करना चाहिए।
बता दें कि तेजस्वी यादव के इस्तीफे की चर्चा बड़ी तेज है। बिहार में महागठबंधन की सरकार है। नीतीश कुमार उसके मुखिया हैं। नीतीश कुमार खुद और उनकी पार्टी नहीं चाहती कि दाग लगने के बाद तेजस्वी यादव सरकार में बने रहें। इसके लिए मंगलवार (11 जुलाई) को जेडीयू ने तेजस्वी यादव से स्पष्टीकरण भी मांगा है और चार दिनों का अल्टीमेटम दिया है। सीबीआई ने लालू यादव, पत्नी राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत कुल सात लोगों को आरोपी बनाया है। लालू पर रेल मंत्री रहते हुए कुछ लोगों को गलत फायदा पहुंचाने और उसके एवज में संपत्ति लेने का आरोप लगाया है।
इधर, चर्चा है कि तेजस्वी यादव ने भी इस्तीफा देने का मन बना लिया है। लालू यादव के पटना लौटते ही इस पर फैसला हो सकता है। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बिहार में गठबंधन बरकरार रखने के लिए लालू यादव और नीतीश कुमार से फोन पर बात की है। माना जा रहा है कि सोनिया गांधी की बातचीत के बाद ही तेजस्वी के इस्तीफे पर लालू यादव तैयार हुए हैं। फिलहाल लालू यादव चारा घोटाले के एक मामले में पेशी के लिए रांची गए हुए हैं। वो शनिवार (15 जुलाई) को पटना वापस आएंगे।
इस बीच, बिहार में राजद और जदयू के प्रवक्ताओं की जुबानी जंग जारी है। गुरुवार को राजद विधायक भाई वीरेंद्र के बयान पर पलटवार करते हुए जेडीयू ने तेजस्वी यादव से कुल संपत्ति का ब्योरा मांगा है। बता दें कि मंगलवार (11 जुलाई) को जेडीयू ने राजद को चार दिनों का अल्टीमेटम देते हुए तेजस्वी यादव से मामले में अपना पक्ष रखने को कहा था। इसके बाद तेजस्वी ने कहा था कि जिस वक्त की डील पर सीबीआई सवाल उठा रही है और उन्हें आरोपी बना रही है, उस वक्त वो नाबालिग थे और उनकी मूंछ भी नहीं आई थी। जेडीयू ने तेजस्वी यादव के जवाब पर असंतोष जताया था।
