शस्त्र अधिनियम की धाराओं वाले मामले का सामना कर रही बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने शनिवार को आरोप लगाया कि महिला एवं कमजोर कुशावाहा जाति से संबंध होने के कारण उन्हें परेशान किया जा रहा है। बहुचर्चित मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन कांड की जांच के सिलसिले में सीबीआई छापे के दौरान मंजू के आवास से हथियार मिलने पर यह मामला दर्ज किया जाए।
मंजू वर्मा ने मंझौल सब डिवीजन की अदालत में पत्रकारों के सामने यह बात कही। उन्होंने 20 नवंबर को आत्मसमर्पण किया था। संबंधित मामला दर्ज होने के तीन महीने बाद भी मंजू वर्मा को गिरफ्तार नहीं कर पाने पर उच्चतम न्यायालय ने बिहार सरकार को फटकार लगायी थी और इसी के बाद उन्होंने आत्मसमर्पण किया।
मंजू वर्मा और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा को मंझौल अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रभात त्रिवेदी की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने दोनों न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी।
जब मंजू वर्मा से (पत्रकारों ने) पूछा कि वह तीन महीने तक कहां थीं तब उन्होंने उल्टा सवाल दाग दिया, “मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और उनके सहयोगी एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से पूछना चाहती हूं कि मुझे क्यों परेशान किया जा रहा है। मेरी गलती क्या है?”
पूर्व मंत्री ने कहा कि उनके और उनके पति के नामों को मुजफ्फरपुर कांड में घसीटा जा रहा है। उन्होंने कहा, “समाज कल्याण मंत्री के तौर पर मेरे द्वारा जो भी कार्रवाई की जा सकती थी, की गयी। जब सीबीआई मांग उठी तो वह भी मान ली गयी।”
पूर्व मंत्री ने कहा, “क्या मुझे इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि मैं कुशवाहा जाति से हूं जो कमजोर सामाजिक तबका है और क्योंकि मैं महिला हूं। सभी याद रखें कि मुझे पर जो कहर बरपाया गया है वह मंजू वर्मा नामक किसी एक इंसान पर नहीं बल्कि चेरिया बरियारपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक पर बरपाया गया है।”
बिहार के सत्तारुढ़ जनता दल यूनाइटेड ने पिछले ही महीने मंजू वर्मा को निलंबित कर दिया था। मीडिया में यह खबर आयी थी कि मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा के कॉल रिकार्ड से पता चला कि उनका यौन स्कैंडल के मुख्य अरोपी और आश्रय गृह को चलाने वाले एनजीओ के मालिक ब्रजेश ठाकुर से गहरा संबंध है। उसके बाद मंजू वर्मा ने छह अगस्त को मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया था।
इस बीच, चंद्रशेखर वर्मा ने मीडिया से इस आश्रय गृह यौन कांड में उनका नाम नहीं घसीटने का अनुरोध किया और कहा कि ‘सीबीआई ने भी हमें आरोपी के तौर पर नामजद नहीं किया है।’ मंजू वर्मा के मंत्रिपद से इस्तीफा देने के करीब 15 दिनों बाद सीबीआई ने चेरिया बरियारपुर में वर्मा दंपति के घर पर छापा मारा था। सीबीआई के इस सूचना पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था कि घर में करीब 50 कारतूसें थे।

