Bihar Board BSEB 10th Result 2018, बिहार बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट 2018: बिहार बोर्ड की बदनामी का सबब बना चुका 42,200 उत्तर पुस्तिकाओं के गायब होने का मामला अब सुलझने के करीब है। गुरुवार को इस मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी की तीन टीमों ने ताबड़तोड़ छापेमारियां की हैं। ये छापेमारियां यूपी और बिहार दोनों जगह हुईं हैं। एसआईटी ने कांग्रेस नेता सहित चार लोगों को हिरासत में लिया है। हालांकि जिस स्कूल से कॉपियां गायब हुईं हैं, उसके प्राचार्य को भी हिरासत में लिया गया है। प्राचार्य के यूपी में स्थित आवास पर भी छापेमारी हुई है। प्राचार्य अब सीने में दर्द की शिकायत पर अस्पताल में हैं।

बता दें कि बिहार और यूपी के सीमावर्ती जिले गोपालगंज में एसएस गर्ल्स प्लस टू स्कूल स्थित है। इस स्कूल में हाईस्कूल की कॉपियां जांचने के लिए मूल्यांकन केंद्र बनाया गया था। रिजल्ट जारी होने से ठीक एक दिन पहले यानी 18 मई को बिहार बोर्ड को ये पता चला कि हाईस्कूल परीक्षा की 42,200 कॉपियों का हिसाब नहीं मिल रहा है। इसके बाद आनन-फानन में एसआईटी गठित की गई। गायब कॉपियों की तलाश करने वाली एसआईटी का जिम्मा एसएसपी नीरज कुमार को दिया गया। जबकि छापेमारी की जिम्मेदारी एसपी राशिद जमां को दी गई है।

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार। (PTI File Pic)

एसआईटी ने गुरुवार को यूपी और पटना में एक साथ छापेमारी की। इस दौरान एक कांग्रेस नेता समेत चार लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस की तीन अलग-अलग टीमें कार्रवाई में लगी रहीं। एसएस गर्ल्स प्लस टू स्कूल के प्राचार्य प्रमोद कुमार श्रीवास्तव को हिरासत में ले लिया गया। उनके यूपी के पडरौना वाले घर पर भी छापेमारी हुई। सारण रेंज के डीआईजी विजय कुमार वर्मा इस मामले को लीड कर रहे थे। पुलिस ने स्कूल के प्राचार्य प्रमोद श्रीवास्तव के दोनों मोबाइल जब्त कर लिए हैं। पुलिस उनकी छह महीने की कॉल डिटेल को खंगाल रही है।

पुलिस के द्वारा हिरासत में लेने और यूपी वाले घर में भी छापेमारी की खबर से ही प्राचार्य प्रमोद श्रीवास्तव बीमार पड़ गए। उन्हें इलाज के लिए भी भर्ती करवाना पड़ा। बताया जा रहा है कि वह पहले से उच्च रक्तचाप और हार्ट के मरीज हैं। अभी तक उनके​ खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। तीन स्तर पर पूरे मामले की जांच चल रही है। मामले की जांच डीएम और एसपी कर रहे हैं। एसआईटी और नगर थाने में दर्ज प्राथमिकी को लेकर पुलिस जांच कर रही हैं। शिक्षा विभाग अपनी जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप चुकी है।