Bihar News: बिहार में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। ऐसे में लोग नौकरी की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं। वहीं बिहार सरकार के नए उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार ने दो करोड़ नौकरी दी होती तो पलायन की स्थिति न बनती। एक बैठक में मीडिया से बात करते हुए महासेठ ने कहा कि भारत सरकार अपने कर्तव्यों का पालन करे, हम अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे।
बैठक में समीर कुमार महासेठ ने कहा, “यहां हम अमीरों के बीच बैठे हुए हैं, संयोग से हमारे नाम में महासेठ जुड़ा हुआ है। ये गलती से पूर्वजों की देन है। सब सेठों के बीच हैं, महासेठ, हम चाहेंगे कि चीजों का सही तरह से अनुपालन हो, उसका ठीक क्रियान्वयन हो।” उन्होंने कहा कि हर गरीब के घर भगवान बसते हैं, उनको आधार मानकर काम हो कि उन्हें कैसे नौकरी मिले, इस पर काम करना है।
महासेठ ने कहा कि बिहार से हो रहे पलायन को रोकने को सभी लोगों को मिलकर काम करना होगा। केंद्र अपने और राज्य अपने कर्तव्यों का पालन करे। अगर केंद्र ने 2 करोड़ नौकरी दी होती तो भी दिक्कत नहीं होती।
कौन हैं ‘महासेठ’:
समीर कुमार महासेठ बिहार की नीतीश सरकार में उद्योग मंत्री हैं। वे राजद कोटे से कैबिनेट का हिस्सा बने हैं। समीर महासेठ के पिता और पूर्व मंत्री राजकुमार महासेठ हैं। समीर महासेठ साल 2015 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीते थे। उन्होंने लगातार चार बार विधायक रहे भाजपा प्रत्याशी रामदेव महतो को भारी मतों से मात दी थी। समीर महासेठ स्थानीय क्षेत्र प्राधिकार, मधुबनी से विधान परिषद सदस्य भी चुने जा चुके हैं।
69 वर्षीय महासेठ मधुबनी शहर के गांधी बाजार निवासी हैं। राजद विधायक का पटना में भी व्यवसाय है। एम.कॉम. डिग्रीधारी समीर महासेठ वैश्य समाज से आते हैं। बिहार के पिछले विधानसभा चुनाव में महासेठ ने मधुबनी विधानसभा सीट से अपने प्रतिद्वंदी भाजता नेता सुमन महासेठ को पराजित किया था।
बता दें कि सुमन महासेठ एनडीए के घटक दल रहे वीआइपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी थीं। बिहार की राजद-जेडीयू की गठबंधन की सरकार में वैश्य समाज से समीर कुमार एकमात्र चेहरा हैं। माना जा रहा है कि राजद ने इन्हें मौका देकर वैश्य समाज पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की है।