देश की राजनीति में शायद ही कभी देखने को मिलता है जब पक्ष और विपक्ष किसी मुद्दे पर एकजुट दिखाई देते हैं। हालांकि, जब अपने फायदे की बात आती है तो नेता एक साथ खड़े जरूर दिखाई देते हैं। विधायकों की पेंशन एक ऐसा ही मामला है। पंजाब में भगवंत मान की अगुवाई वाली सरकार आम आदमी पार्टी की सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। उसने फैसला किया है कि कोई नेता कितनी बार भी विधायक रहे उसे सिर्फ एक ही पेंशन मिलेगी।

इससे पहले यहां जितनी बार कोई नेता विधायक बनता था उतनी बार पेंशन सुनिश्चित हो जाती थी। पंजाब ही नहीं देश के अन्य राज्यों में भी यही हाल है। अब बिहार में ही 16 साल में 13 बार पेंशन बढ़ाई गई है। यही नहीं हत्या, रेप और घोटाले जैसे मामलों में सजा काट रहे नेताओं को हर महीने पांच लाख पेंशन मिल रही है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव समेत आठ नेता शामिल हैं।

2006 के बाद 13 बार संशोधन
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में साल 2006 के बाद नेताओं की पेंशन को लेकर नियम में 13 बार संशोधन हुआ है यानी केवल 16 साल में इसमें 13 बार इजाफा हुआ है। इनमें ऐसे नेता भी शामिल हैं, जो हत्या दुष्कर्म और घोटालों जैसे मामलों में सजा काट रहे हैं,लेकिन उन्हें पूरी पेंशन मिल रही है।

लालू समेत आठ नेता काट रहे सजा
ऐसे आठ नेता हैं जो सजा काट रहे हैं और मोटी पेंशन उठा रहा है। इनमें सबसे ज्यादा जगदीश शर्मा 1.25 लाख की पेंशन उठा रहे हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को 89 हजार, मुन्ना शुक्ला को 62 हजार, राजन तिवारी को 47 हजार, प्रभुनाथ सिंह को 43 हजार, आनंद मोहन को 33 हजार और सूरजभान को 31 हजार की पेंशन मिल रही है।

2013 में तीन बार हुआ संशोधन
बिहार में एक विधायक के हर महीने 35 हजार रुपये पेंशन मिलती है। हर साल इसमें 3000 का इजाफा होता है। पेंशन व्यवस्था में संशोधन की बात करें तो साल 2013 में तीन बार ऐसा हुआ। वहीं साल 2006, 2014 और 2022 में दो-दो बार इसमें इजाफा हुआ।

कितना आता है खर्च
पिछले साल अक्टूबर की एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार सरकार 991 पूर्व विधायकों को पेंशन देने के लिए चार करोड़,94 लाख,44 हजार रुपये हर महीने खर्च करती है। यह जानकारी सूचना के अधिकार कानून (RTI) के तहत सामने आई थी।