बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रशासनिक अधिकारियों से अवैध वसूली कराने का आरोप लगाया है। तेजस्वी के मुताबिक, राज्य के प्रशासनिक अधिकारी एक परोक्ष टैक्स अदा करते हैं, जिसका नाम RCP Tax है और जो अधिकारी ये टैक्स नहीं देते हैं, उन्हें निलंबित कर दिया जाता है। तेजस्वी ने एक खबर को शेयर करते हुए ट्वीट किया है, “बिहार के प्रशासनिक गलियारों में ज़ोर से चर्चा है कि जो अधिकारी मुख्यमंत्री तक ‘RCP Tax’ नहीं पहुंचायेगा, उसे Selective Approach और Selective Action के तहत पहले छापा झेलना पड़ेगा और फिर निलंबन। Setting और Selective के फर्क को पढ़िये।”

हाल के दिनों में बिहार में कई अफसरों पर जांच हुई है। इनमें से कुछ को निलंबित कर दिया गया, जबकि कुछ का ट्रांसफर कर दिया गया। इसी हफ्ते मुजफ्फरपुर के एसएसपी विवेक कुमार सिंह को सरकार ने निलंबित कर दिया था। निगरानी विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोपों पर विवेक कुमार के आवास और पैतृक निवास समेत कई ठिकानों पर छापेमारी कर चार करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का खुलासा किया था। उन पर मनचाहे थानों में पोस्टिंग के लिए थानेदारों से रिश्वत लेने के आरोप लगे थे। इनके अलावा बालू खनन और अवैध शराब बिक्री मामले में भी कई अधिकारी सरकार के निशाने पर रहे हैं। छपरा के डीएम दीपक आनंद पर भी कार्रवाई हुई, मगर आरोपी रहे एसपी पंकज राज पर कोई कार्रवाई नहीं होने का आरोप लगा है।

बता दें कि RCP Tax से तेजस्वी का तात्पर्य रामचंद्र प्रसाद टैक्स से है। रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) नीतीश कुमार के काफी करीबी और जदयू के राज्यसभा सांसद हैं। सदन में वो पार्टी के नेता हैं। शरद यादव को हटाने के बाद पार्टी ने उन्हें ही सदन में नेता बनाया है। वो यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं। जब नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री थे, तब आरसीपी सिंह उनके पीएस हुआ करते थे। बाद में वो बिहार में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी रहे। वो नीतीश के स्वजातीय और गृह जिले नालंदा के रहने वाले हैं।