बिहार एवं झारखंड सरकार ने सभी धार्मिक स्थलों को कोरोना के मद्देनजर बंद कर रखा है। वहीं सत्ताधारी दल जदयू के भागलपुर ज़िले के गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल नियमों की धज्जियां उड़ाते नजर आए। वे कांवड़ लेकर अपने पांच-सात समर्थकों के साथ बाबा बूढ़ा नाथ मंदिर शिवलिंग पर जलाभिषेक करने सावन के पहले सोमवार को पहुंच गए। मंदिर का दरवाजा तो नहीं खुला। मगर काफी देर तक शोर-शराबा जरूर हुआ। मंदिर गेट को जोर-जोर से झकझोरते रहे। लोगों की भीड़ तमाशा देखने जुट गई। आखिरकार उनको कांवड़ के जलपात्र से मंदिर के बाहर बने शिवलिंग पर जलाभिषेक कर संतोष करना पड़ा।
गोपालपुर के जदयू विधायक नरेंद्र कुमार नीरज इन दिनों अपने विवादित बयानों के लिए काफी चर्चा में हैं। बरारी गंगानदी घाट से कांवड़ में जलभर कर पैदल बूढ़ानाथ मंदिर पहुंचे विधायक को यह गुरूर था कि उन्हें देखकर मंदिर का दरवाजा खोल दिया जाएगा। मगर मंदिर का दरवाजा बंद पाकर गुस्से में गेट खोलने के लिए लोहे के दरवाजे को अपने हाथों से खूब झकझोरा। मगर उनकी एक नहीं चली। पुलिस का एक एएसआई ने इसके लिए मना किया तो वे उससे उलझ गए।
हताश होकर विधायक गोपाल मंडल ने मीडिया को बताया कि पुलिस का जमादार रौब से उनके साथ बात कर रहा था। हम पूजा करने के लिए यहां आए हैं। वरना उसका तैसगिरी निकाल देते। यों तो पुलिस से मेरा कभी मेल नहीं खाया। उन्होंने बताया कि मैं सोच रहा था कि मैं विधायक हूँ। मुझे देखकर मंदिर का गेट खोल देगा पर नहीं खोला। उन्होंने कहा कि भागलपुर का मैं जनप्रतिनिधि हूँ। मेरी पत्नी दो दफा जिला परिषद की अध्यक्ष रही हैं। कई सांसदों और विधायकों को जितवाया हूँ। जितना मेरे में टैलेंट है, उतना किसी में नहीं है। मैं भागलपुर का नेतृत्व करता हूँ। मेरा राजनीति गुणा-भाग तगड़ा है। आनेवाले समय में देश ही नहीं विश्व की राजनीति करूंगा। लोग कुर्सी के लिए राजनीति करते हैं। मगर मैं आम नागरिकों के लिए राजनीति करता हूँ। उनके लिए मरता हूँ।
उन्होंने कहा कि कांवड़ लेकर बाबा धाम नहीं गए। दूसरे राज्य में जाकर हुज्जत (बकझक) करना ठीक नहीं है। इसलिए बूढ़ानाथ मंदिर आए। मंदिर खोल देना चाहिए था। मगर नहीं खोला। साथ ही उन्होंने कहा कि कोई राड (बदमाश) आता तो मंदिर का पट खोल दिया जाता। पीछे के गेट से पूजा कराई जा रही है। हमें पता है। मगर मैं पूजा करने आया था। हुज्जत करने नहीं।
विधायक मंडल ने कहा कि भगवान भोलेनाथ ताले लगे होने के कारन भीतर में बैठे हैं। उन्हें कोरोना भगाने के लिए त्रिनेत्र का प्रयोग करना चाहिए। हमारा देश संतों और किसानों का रहा है। पूजा करने से आत्मबल बढ़ता है। बोलबम बोलकर यहां तक पैदल आए तो मनोरंजन और आत्मा आनंदित हुई। लेकिन कर्म प्रधान है। मैं वहीं कर रहा हूँ।