गिरधारी लाल जोशी
23 लाख रुपये से ज्यादा ठगी के एक मामले में अमरपुर के रामकिशोर ईश्वर विगत एक साल से न्याय के लिए दरदर भटक रहे हैं। मगर बांका के अमरपुर थाना की पुलिस इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। भागलपुर पुलिस रेंज के डीआईजी सुजीत कुमार की दखल के बाद बीते साल 13 नवंबर को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई। अब मंगलवार को डीआईजी ने एसपी को मामले की पर्यवेक्षण रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। ताकि आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकें।
हालांकि मामले के अनुसंधान अधिकारी अवर निरीक्षक राजीव रंजन ने अपनी जांच रिपोर्ट एसपी को सौंप दी है। मगर एसपी को मामले का सुपरविजन करना बाकी है। एफआईआर संख्या 659 दिनांक 13 नवंबर 2020 को ठगी के इस मामले में तीन मुख्य आरोपी हैं। संजीत सहाय, संदीप सहाय दोनों सगे भाई हैं। बताते चलें कि संजीत सहाय भागलपुर स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड में कंपनी सचिव के पद पर कार्यरत हैं। और विगत जुलाई से ही नदारद चल रहे हैं। ड्यूटी पर हाजिर नहीं होने की वजह से स्मार्ट सिटी योजना का काम बंद पड़ा है। तीसरा आरोपी राकेश रौशन राय है। इन पर भारतीय दंड विधान की दफा 406,420,504, 506 और 138 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जो कि ठगी और चेक बाउंस की धाराएं हैं।
अमरपुर पेट्रोल पंप के मालिक रामकिशोर ईश्वर डीआईजी को दिए आवेदन में लिखा है कि आरोपियों ने अपने को रिया इंटर प्राइजेज के मछली पालन का अधिकृत डीलर बताकर मेरे पास बीते साल जून में आए थे। और बताया कि मछली पालन के धंधे में काफी आमदनी है। आप के पास काफी जमीन है। आपके लिए यह व्यापार फायदेमंद रहेगा। लाखों का लाभ होगा। उनकी बातों में आकर लालच में वे फंस गए। और मेरे बेटे गौरव से नकद 577000 हजार रुपये ले लिए। यकीन दिलाने के लिए इतनी ही रकम का चेक दे दिया।
साथ ही भरोसा दिलाया कि मछली का बिया और मछली पालन का प्लांट लगा लेंगे और एकरारनामा करने के समय चेक वापस ले लेंगे। इसके अलावा इनलोगों ने कहा कि तीन यूनिट मछली पालन का संयंत्र लगाने में बड़े पैमाने पर मुनाफा होगा। इस पर 18 लाख रुपये और खर्च होंगे। रामकिशोर ईश्वर इनकी बातों में आकर मछली फंसाने के बजाए खुद फंस गए। और 18 लाख रुपये नकद और दे दिए। आरोपियों ने भी यकीन दिलाने के लिए उज्वान स्माल फाइनांस बैंक लिमिटेड के नौ-नौ लाख के चेक सौंप दिए।
