केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने भागलपुर सर्किट हाउस में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में ऐलान किया कि कैंसर उन्मूलन के लिए टाटा ट्रस्टी के सहयोग से जल्द ही बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा। इन तीनों राज्यों में कैंसर के ज्यादा मरीज हैं। उन्होंने बताया कि टाटा ट्रस्टी के लोगों से इस सिलसिले में सकारात्मक बातचीत हुई है। केंद्रीय मंत्री बनने पर चौबे पहली बार अपने गृह नगर भागलपुर रविवार (17 सितंबर) देर शाम पहुंचे थे, जहां सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल हॉल में उनका भव्य स्वागत किया गया।
उन्होंने कहा कि कैंसर जैसे असाध्य रोगों से पीड़ित लोगों की भरपूर मदद करने की मेरी पूरी कोशिश रहेगी। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री से भी आग्रह करने की बात कही। ताकि इलाज के अभाव में किसी गरीब की मौत न हो सके। उन्होंने कहा कि मंत्रालय के अधिकारियों को टाटा ट्रस्टी के साथ बैठक कर योजना बनाने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि बिहार के 38 ज़िलों में कैंसर का पता लगाने वाले जांच केंद्र स्थापना की भी योजना है। फिलहाल लोग जांच के लिए भी मुंबई का रुख करने को मजबूर हैं लेकिन तब तक मरीज की हालत बिगड़ चुकी होती है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी कोशिश है कि इसके लिए रीजनल हब बने और इसकी शुरुआत भागलपुर से हो। उन्होंने कहा कि टाटा ट्रस्टी इसके लिए बगैर किसी फायदे के तैयार हैं और उन्होंने सर्वे के लिए चार हफ्ते का वक्त मांगा है। यह हो जाने पर कैंसर डिटेंशन, कीमोथेरेपी यहीं हो सकेगी। चौबे ने कहा कि वो जल्द ही इंदिरा गांधी कैंसर इंस्टीच्यूट का दौरा करने वाले हैं।
केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि शिशु और मातृ मृत्यु दर कम करना भी सरकार की प्राथमिकताओं में है। इसके लिए भी कापस फंड बनाने की पहल हो रही है। मंत्रालय इसके लिए प्रस्ताव बना रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चा चाहे किसी भी तबके का हो, इलाज की कमी से उन्हें मरने नहीं दिया जाएगा, भले ही इसके लिए मुझे भिक्षाटन क्यों न करना पड़े। उन्होंने घोषणा की कि भागलपुर में अगले महीने सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की बुनियाद रखी जाएगी। संभवत: उसमें प्रधानमंत्री भी शामिल हों।
भागलपुर के लोगों का प्यार और अभिनंदन से गदगद चौबे ने भावुक होकर कहा कि यहां के लोगों ने मुझे अंगुली पकड़कर चलना सिखाया है। इसलिए यहां के लोगों का पहला हक है। उन्होंने कहा, “मैं कोई वायदा तो नहीं करता। मगर जिस तरह राम सेतु बनाने में छोटी गिलहरी ने बड़ी भूमिका निभाई थी। उसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा।” उन्होंने कहा कि लगता है 2013 की उत्तराखंड त्रासदी में बाबा केदारनाथ ने मुझे और मेरे परिवार को जीवनदान देकर देश की सेवा करने का मौका दिया है। उन्होंने बताया कि हादसे के दौरान उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मंदिर में घुसकर जान बचाई थी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की खुशी में 20 से ज्यादा संस्थाओं ने अभिनंदन समारोह आयोजित किया था। अश्विनी चौबे फिलहाल बक्सर से सांसद है। मगर वे भागलपुर के लाल हैं और पांच बार भागलपुर शहरी क्षेत्र से विधायक रहे हैं। केंद्र में मंत्री बनने के बाद चौबे पहली बार भाया वाराणसी भागलपुर आने पर उनका भव्य स्वागत हुआ। पटना से भागलपुर तक जगह-जगह रोक उन्हें माला पहनाकर भाजपाइयों ने उनका जबर्दस्त स्वागत किया।