Bihar Vidhan sabha Chunav 2025: बिहार में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के बीच में गतिरोध जारी है, जबकि दोनों दलों के कुछ टॉप लीडर्स ने सोमवार को दिल्ली में मुलाकात की। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दोपहर में दिल्ली में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और कुछ अन्य नेताओं से मुलाकात की।
महागठबंधन सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले फेज की वोटिंग के लिए नॉमिनेशन फाइल करने की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर है। एनडीए ने रविवार को सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया है। वहीं विपक्षी दल आम सहमति बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है। बिहार में कांग्रेस के नेता भी उम्मीदवारों के चयन में देरी को लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि इससे चुनावी नतीजों पर असर पड़ सकता है।
सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, दोनों दलों के बीच विवाद का मुख्य कारण कुल सीटों के अलावा कुछ खास क्षेत्रों को लेकर भी है। तेजस्वी और वेणुगोपाल के बीच यह बैठक कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य फूलो देवी नेताम के आवास पर हुई। बैठक में कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील खान भी मौजूद थे।
ये भी पढ़ें: क्या प्रशांत किशोर की पार्टी से चुनाव लड़ेंगी पवन सिंह की पत्नी ज्योति?
आरजेडी कांग्रेस को 55 सीटें देने को तैयार
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस 65 से कम सीटों पर चुनाव न लड़ने पर अड़ी है, जबकि आरजेडी 55 सीटें देने को तैयार है। सीट बंटवारे की बातचीत से वाकिफ एक सूत्र ने बताया, “आरजेडी महागठबंधन में नए सहयोगियों का हवाला देकर कांग्रेस से कुछ सीटों पर अपना दावा छोड़ने को कह रही है। लेकिन कांग्रेस अपनी साख का हवाला देते हुए कह रही है कि वह राज्य में 65 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी।” कांग्रेस ने 2020 में 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 19 सीटें जीती थीं।
एक सूत्र ने बताया कि बछवाड़ा समेत कुछ सीटों पर चर्चा हुई। कांग्रेस अपने पूर्व विधायक रामदेव राय के बेटे शिव प्रकाश गरीब दास को मैदान में उतारना चाहती है। शिव प्रकाश गरीब दास ने 2020 में निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा था और 39878 वोट हासिल किए थे। 2020 में भाकपा के अवधेश कुमार राय इस सीट से मात्र 454 वोटों से हार गए थे। एक सूत्र ने बताया, “कांग्रेस दास को मैदान में उतारना चाहती है, जबकि आरजेडी इस बात पर अड़ा है कि भाकपा उम्मीदवार अवधेश राय महागठबंधन की ओर से फिर से चुनाव लड़ें।”
नरकटियागंज सीट पर भी फंसा पेच
विवाद का एक और मुद्दा नरकटियागंज सीट है। यहां से कांग्रेस के विनय वर्मा ने 2020 में चुनाव लड़ा था। बताया जा रहा है कि आरजेडी 2024 में वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र से दीपक यादव को अपना उम्मीदवार बनाना चाहती है, जो जेडीयू के सुनील कुमार कुशवाहा से 98675 वोटों से हार गए थे। सूत्र ने बताया, “आरजेडी यादव को मैदान में उतारना चाहती है, लेकिन कांग्रेस विनय वर्मा को फिर से मैदान में उतारना चाहती है।” वर्मा 2020 का चुनाव बीजेपी की रश्मि वर्मा से 21134 वोटों से हार गए थे और 2015 का चुनाव उन्होंने बीजेपी की रेणु देवी को 16061 मतों से हराकर जीता था।
वीआईपी-जेएमएम को भी मिलेंगी सीटें
सोमवार की बातचीत से वाकिफ एक सूत्र ने बताया कि कांग्रेस और आरजेडी के अलावा, 18-20 सीटें मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी को, कुछ सीटें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जेएमएम और पशुपति पारस की आरएलजेपी को मिलेंगी। एक सूत्र ने बताया, “सहानी 18-20 सीटों से खुश नहीं हैं, लेकिन उन्हें मनाने के लिए बातचीत की जाएगी।” कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की मंगलवार को दिल्ली में बैठक होने वाली है। इसमें उन 25 सीटों के अलावा अन्य सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है, जिनके लिए नाम तय हो चुके हैं, लेकिन समिति ने अभी तक आधिकारिक तौर पर उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी नहीं की है।
ये भी पढ़ें: महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे तेज प्रताप यादव