भागलपुुर से जुड़ी चार शख्सियत तीन राज्यों की चार सीटों का संसद में प्रतिनिधित्व करेंंगी। इनमें से तीन भाजपा और एक राजग घटक दल जदयू की टिकट पर चुनाव जीते है। भागलपुर में जन्म से लालन पालन और शिक्षा ग्रहण करने वाली अपराजिता सारंगी ओडिशा के भुवनेश्वर संसदीय क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर 2019 चुनाव में जीत दर्ज करा सांसद निर्वाचित हुईं है। ये तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में प्रोफेसर रहे अजित मिश्रा की बेटी है। भागलपुर के तिलकामांझी आनंदगढ़ कालोनी में इनका बचपन और युवावस्था अपने पैतृक आवास पर ही गुजरा है। ये ओडिशा कैडर की आईएएस अधिकारी थीं। थोड़े दिनों पहले अपराजिता ने इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ली। पार्टी ने भुवनेश्वर से चुनाव लड़ने का टिकट दिया। और वे पहली दफा में ही जीत गई। इनके भाई भी आईएएस अधिकारी हैंं।
बक्सर लोकसभा क्षेत्र से दोबारा चुनाव जीतने वाले भाजपा के अश्विनी चौबे किसी पहचान के मोहताज नहीं है। ये भी भागलपुर के शाहकुंड दरियापुर के वाशिंदे हैंं। 2014 में भी इन्होंने बक्सर से जीत दर्ज कर संसद में पहली दफा प्रतिनिधित्व किया था। बाद में मोदी मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य राज्यमंत्री बनाए गए । ये भागलपुर शहरी विधानसभा क्षेत्र से पांच दफा चुनाव जीत चुके है और बिहार सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे हैंं।
झारखंड के गोड्डा संसदीय क्षेत्र से तीसरी दफा चुनाव फतह करने वाले निशिकांत दुबे भी भागलपुर के ही वाशिंदें हैंं। इनका पैतृक गांव कहलगांव के भवानीपुर है। 2009 में गोड्डा क्षेत्र से पहली दफा इन्होंने केवल छह हजार मतों से जीत दर्ज कराई थी। इसके बाद 2014 में जीत का ग्राफ बढ़कर 60 हजार हुआ। अबकी सारे पिछले रिकार्ड तोड़ कर डेढ़ लाख से भी ज्यादा मतों से विजयश्री मिली है। जबकि इस दफा का चुनाव सीधी टक्कर में कठिन माना जा रहा था। लेकिन इनकी कार्यशैली और क्षेत्र में मौजूदगी की वजह से मतदाताओं का अपार समर्थन इन्हें मिला। क्षेत्र ही नहीं भागलपुर के लोग भी उम्मीद कर रहे कि इस दफा इन्हें मंत्री पद मिलेगा। और भागलपुर के विकास में भी सहयोग करेंगे।
चौथे शख्स है भागलपुर सीट से विजय पताका फहराने वाले घोघा ग़ांव के अजय मंडल। ये जदयू से जुड़े है। दो दफा कहलगांव और नाथनगर विधान सभा क्षेत्र के विधायक बने। अब पहली बार सांसद दो लाख 77 हजार वोटों से जीत कर बने है। इनकी श्रद्धा ईश्वर और अपने माता पिता के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में जताते है। चुनाव जीतने के बाद भी इन्होंने कहा कि पहले पटना जाकर नीतीश कुमाार से आशीर्वाद लेंगे, फिर दिल्ली कूच करेंगे।

