बिहार में पहले चरण के लिए सभी दलों के नेता प्रचार में जुटे हुए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी एनडीए प्रत्याशियों के लिए बिहार में जनसभाएं कर रहे हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दरभंगा के केवटी विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी के प्रचार के लिए पहुंचे थे। मंच पर पहुंचते ही सीएम योगी का स्वागत किया गया लेकिन इस दौरान एक अजीब वाक्या हुआ।
मखाने की माला से योगी का स्वागत करना चाहते थे बीजेपी नेता
दरअसल भाजपा के नेता सीएम योगी की मखाने की माला से स्वागत करना चाहते थे। लेकिन सीएम योगी के सुरक्षाकर्मी इसकी इजाजत नहीं दे रहे थे। इसके बाद जो नेता मंच का संचालन कर रहे थे, उन्होंने मंच के माइक से ही इसकी शिकायत योगी आदित्यनाथ से कर दी। उन्होंने कहा कि हम सीएम योगी जी का स्वागत मखाने की माला से करना चाहते हैं लेकिन सुरक्षाकर्मी अनुमति नहीं दे रहे हैं, कृपया आप अनुमति दिलवाएं।
इसके बाद सीएम योगी सुरक्षाकर्मियों को इशारा करते हैं और तुरंत बीजेपी के नेता मखाने की माला से सीएम योगी का स्वागत करते हैं। दरभंगा के बीजेपी जिला अध्यक्ष ने सीएम योगी को मखाने की माला पहनाई।
सीएम योगी के निशाने पर रही कांग्रेस-आरजेडी
केवटी से भाजपा प्रत्याशी मुरारी मोहन झा हैं, जो वर्तमान में विधायक भी हैं। 2020 में उन्होंने आरजेडी के कद्दावर नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी को हराया था। केवटी में जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी के निशाने पर आरजेडी और कांग्रेस रही। सीएम योगी ने कहा कि राजद की सरकार के समय बिहार में 70 से अधिक नरसंहार की घटनाएं हुई थी। इन्होंने ही बिहार में जातीय संगठन खड़े किए थे, जो जाति को जाति से लड़ाते थे।
मखाने का राजनीति पर असर
बता दें कि बिहार में मखाने का विधानसभा चुनावों पर सीधा असर पड़ता है। पूर्णिया, कटिहार, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज और सीतामढ़ी जिले में बड़े पैमाने पर मखाने की खेती और प्रसंस्करण होता है। इन जिलों की कुल 66 यानी एक चौथाई से अधिक विधानसभा सीटें हैं। वर्ष 2020 के चुनाव में इनमें से 48 सीटें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने जीती थीं। यही वजह है कि इस बार भी मखाना बेल्ट की सीटें सभी राजनीतिक दलों की रणनीति के केंद्र में हैं। एक अनुमान के अनुसार तीन लाख से अधिक किसान और मजदूर इस उद्योग से जुड़े हैं। मखाना उद्योग में अति पिछड़ी जातियों, विशेषकर मल्लाह समुदाय की अहम भूमिका मानी जाती है। यह समुदाय मखाने की भूनाई और पापिंग इकाइयों पर बड़ा नियंत्रण रखता है।
