एक गरीब बुजुर्ग महिला ने समाज के लिए एक बड़ी मिसाल पेश की है। दरअसल बिहार के गांव में आज भी एक भी पाठशाला नहीं था और करीब 90 प्रतिशत ग्रामीण साक्षार नहीं थे। इसके बाद बुजुर्ग महिला ने गांव के लिए अपनी जमीन दान में दी थी। गरीब बुजुर्ग महिला के प्रयास के बाद से गांव में नियमित पाठशाला चल रही है।
कहां का है मामला: दरअसल पूरा मामला बिहार के सारण की बदलुटोला पंचायत के कोहबरवां गांव का है। जहां बुजुर्ग शिवदसिया कुंवर ने गांव में स्कूल के लिए अपने हिस्से की जमीन दान कर दी। दरअसल शिवदसिया खुद कभी स्कूल नहीं गईं जिसकी वजह से वो अशिक्षित रह गईं। लेकिन वो शिक्षा का महत्व समझती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब शिवदसिया को ये पता लगा कि आज तक इस गांव में स्कूल के लिए जमीन नहीं है तो उन्होंने अपने हिस्से की जमीन रामकृष्ण आश्रम को स्कूल के लिए दान में दे दी।
स्वामी विवेकानंद से हैं प्रेरित: शिवदसिया स्वामी विवेकानंद से काफी प्रभावित हैं। ऐसे में डिजीटल प्रभात खबर से बातचीत में शिवदसिया ने बताया कि कोहबरवां गांव में कुछ मजदूर छपरा के रामकृष्ण मिशन में काम करने गए थे। वहां जानकारी मिली कि गांव में एक भी स्कूल नहीं है। तो उन्होंने अपने हिस्से की जमीन दान में दे दी। वहीं शिवदसिया के बेटे भी शिक्षित नहीं है और मजदूरी ही करते हैं।
एक से सातवीं तक की होती है पढ़ाई: बता दें कि पाठशाला में एक से कक्षा सात तक की पढ़ाई होती है। बच्चों को भोजन, कपड़े और स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध करई जाती हैं।
शिवदसिया ने किया प्रेरित: बता दें कि शिवदसिया के पति की मौत हो चुकी है। इसके बाद उनके पास जो कुल जमीन थी उसका पहले ही बंटवारा हो चुका है। जिसके बाद उन्होंने अपने हिस्से की जमीन दान दे दी। वहीं शिवदसिया से प्रेरित होकर गांव के कुछ और लोगों ने भी कुछ जमीन का दान दिया।